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This Article is From Jul 05, 2017

पीएम मोदी ने इस्राइल में दुनिया की सबसे सुरक्षित आरामगाह में रात बिताई

इजरायल के किंग डेविड होटल को बेहद सुरक्षित माना जाता है. इस होटल के जिस सुईट में पीएम मोदी रुके, उसको इस धरती का सबसे सुरक्षित स्‍थान माना जाता है.

पीएम मोदी ने इस्राइल में दुनिया की सबसे सुरक्षित आरामगाह में रात बिताई
यरुशलम स्थित किंग डेविड होटल (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय इजरायल दौरे पर हैं
इजरायल के दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय पीएम हैं
जिस होटल में पीएम रुके, उसको बेहद सुरक्षित माना जाता है
पहली बार इस्राइल की यात्रा पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले आरामगाह में रात बिताई. इजरायल के किंग डेविड होटल को बेहद सुरक्षित माना जाता है. इस होटल के जिस सुईट में पीएम मोदी रुके, उसको इस धरती का सबसे सुरक्षित स्‍थान माना जाता है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह बम धमाकों, रसायनिक हमलों जैसी हर चीज से सुरक्षित है. इसके बारे में कहा जाता है कि यदि पूरे होटल को बम से उड़ाया जाए तो भी पीएम का सुईट सुरक्षित रहेगा और यह अपने आप उससे अलग हो जाएगा.

यह एक ऐसा होटल है जहां अमेरिकी राष्‍ट्रपति से लेकर इस्रायल के खास मेहमान ठहरते हैं. इस होटल में बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश, बराक ओबामा और तीन हफ्ते पहले डोनाल्‍ड ट्रंप रुक चुके हैं. इस होटल के 110 कमरे भारतीय डेलीगेशन के लिए बुक हैं. पीएम मोदी के खान-पान का खास ख्‍याल रखा गया है. यहां तक कि डेलीगेशन की सुरुचि के अनुरूप फूलों को सजाया गया है.  

इससे पहले इस्राइल की तीन दिवसीय यात्रा पर पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग मानवता और सहायता के मूल्यों में विश्वास रखते हैं उन्हें एकजुट होकर आगे आना चाहिए और इनका किसी भी कीमत पर बचाव करना चाहिए. उन्होंने दुनियाभर में महामारी की तरह फैले आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा की बुराईयों का दृढ़ संकल्प के साथ विरोध करने का आह्वान किया. अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर जारी किए गए प्रेस वक्तव्य में मोदी ने कहा, 'येद वाशेम स्मारक, यह कई पीढ़ियों पहले ढहाए गए कहर की याद दिलाता है.' येद वाशेम स्मारक संग्रहालय में पुष्पांजलि अर्पित कर मोदी ने नाजी जर्मनी द्वारा मार दिए गए 60 लाख यहूदियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि यह स्मारक 'त्रासदी की गहराईयों से ऊपर उठने, नफरत को पराजित करने और एक उर्जावान लोकतांत्रिक देश के निर्माण के लिए आगे बढ़ने के लिए आपकी 'अटूट इच्छाशक्ति' के सम्मान का प्रतीक है.

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