विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 05, 2021

'पीएम के नाम पर अभियान' चलाएंगे: किसान नेता राकेश टिकैत ने उड़ाया BJP का मजाक

Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat :राकेश टिकैत ने सरकार के खिलाफ सिर्फ खेती-किसानी ही नहीं बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने को आह्वान किया. टिकैत ने कहा कि सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है

Read Time: 6 mins

Rakesh Tikait ने मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में सरकार को दिया अल्टीमेटम

मुजफ्फरनगर:

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में आयोजित किसान महापंचायत (Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat) के आखिरी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में "प्रधानमंत्री के नाम पर अभियान" करेंगे क्योंकि भाजपा (BJP) भी यही करती है. राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि उनके " प्रचार" की प्रकृति बहुत अलग होगा. एनडीटीवी से खास बातचीत में टिकैत ने कहा, "हम केवल पीएम को पब्लिसिटी दे रहे हैं." उन्होंने आगे कहा: "वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) सब कुछ बेच रहे हैं. हम लोगों को बताएंगे कि क्या बेचा जा रहा है. पीएम का प्रचार होगा. बिजली, पानी आदि बेचा जा रहा है. क्या लोगों को ये बातें बताना गलत है?"

किसानों ने घोषणा की है कि वे उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले राज्य चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे. उन्होंने मुजफ्फरनगर में आज की मेगा-बैठक को "मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड" भी करार दिया, जो भाजपा शासित दो राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी योजना का संकेत देता है जहां अगले साल चुनाव होंगे.

किसान विरोध सभा के बाद टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की किसानों की बैठकें आयोजित की जाएंगी. टिकैत ने एनडीटीवी से कहा, "दूसरा पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) वाराणसी (पीएम मोदी की लोकसभा सीट) में है. वहां और लखनऊ में भी पंचायतें होंगी."

इससे पहले टिकैत ने कहा, "भारत बिकाऊ है, यानी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है. एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं. इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं. एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं. समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं, मछुआरे इससे परेशान हैं. ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है."

किसान नेता ने कहा, "ये पानी बेच रहे हैं, नदियां निजी कंपनियों को बेची जा रही हैं. देश का संविधान भी खतरे में है, उसको भी बचाना है. खेती-किसानी जब बिकने की कगार पर आया तो किसान जागा. आपका बैंक कर्ज चुका दो तो और दोगुना कर्जा दे देगा. 9 महीने से हम आंदोलन कर रहे हैं और पूरा संयुक्त किसान मोर्चा डटा रहेगा. जब देश के किसान, नौजवान की जीत होगी, तभी हम अपने घर और गांव जाएंगे. 

राकेश टिकैत ने कहा, "जब तक किसानों का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक मैं मुज़फ़्फ़रनगर की धरती पर पैर नहीं रखूँगा. मैं सीधे यहीं आया और वापस ग़ाज़ीपुर बार्डर चला जाऊंगा." उन्होंने कहा कि 12000 करोड़ से ज़्यादा हमारा गन्ने का भुगतान बाकी है. हम जिस जमीन से आए हैं, ये गन्ने का बेल्ट हैं. जब किसानों के लिए काम करने वाली सरकार आएगी तो 450 रुपये प्रति क्विटल गन्ने का भाव देगी.  

टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना से रेलवे के 4.5 लाख कर्मचारी बेरोज़गार होंगे. सरकार ने रेलवे को प्राइवेट कर दिया है. कई ट्रेनें और स्टेशन बेच दिए हैं.राकेश टिकैत ने फिर दोहराया, "हम  MSP की क़ानूनी गारंटी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को वोट की चोट देनी पड़ेगी. ये बीजेपी के लोग यूपी दंगा कराने वाले लोग हैं लेकिन हम उत्तर प्रदेश में ये नहीं होने देंगे."

टिकैत ने कहा कि हम ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मोर्चा नहीं छोड़ेंगे, चाहे मर क्यों न जाएं. टिकैत ने महापंचायत में अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव के नारे भी लगवाए. उन्होंने कहा कि बाबा (महेंद्र सिंह टिकैत) की रैलियों में ये नारे लगते थे. हमें हिंदू मुसलमान के बीच बंटना नहीं है.

उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने बीजेपी पर 2013 में धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिमी यूपी में हिंदू मुसलमान दंगे बीजेपी ने कराए थे पर हम अब एक हैं. पूरे देश में प्रचार करेंगे. ये मुज़फ़्फ़रनगर मोहब्बत का शहर है. सब हिंदू मुसलमान एक हैं और हम अब नहीं बंटेंगे. उन्होंने कहा कि यहां मुज़फ़्फ़रनगर में एक इशारा काफ़ी है, जिसको चाहें जिता दें, जिसको चाहें हरा दें.  

मेधा पाटेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह नोटबंदी कर किसानों और मजदूरों पर चोट की थी, उसी तरह किसान अब बीजेपी के खिलाफ वोटबंदी करेगा.  उन्होंने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद होगा. मजदूर, किसान, महिलाएं और हर वर्ग इसमें बढ़चढ़ कर शिरकत करेगा. पाटेकर ने कहा, सिर्फ कुछ पूंजीपतियों के लिए सारे फैसले लिए जा रहे हैं लेकिन कृषि कानूनों का फैसला जन संसद में होगा, जनता तय करेगी. 

- - ये भी पढ़ें - -
* मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में किसानों का ऐलान, चुनावों में बीजेपी का करेंगे विरोध
* देशभर के 300 किसान संगठनों की महापंचायत, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात; मिशन UP की होगी शुरुआत- 10 अहम बातें
* किसानों की महापंचायत में तीन बड़े फैसले, सरकार ने नहीं मांगी मांग तो 7 सितंबर से करेंगे आंदोलन

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;