हरियाणा (Haryana) के करनाल में सोमवार को किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) आयोजित की गई. महापंचायत में तीन बड़े फैसले लिए गए हैं. इनमें किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग भी शामिल है. साथ ही किसान महापंचायत में सरकार से मांग की गई कि लाठीचार्ज के दौरान मरने वाले किसान के परिवार को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. किसानों ने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 6 सितंबर तक का वक्त दिया है. इस पर एक्शन नहीं होने की स्थिति में किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर किसानों का गुस्सा थम नहीं रहा है. महापंचायत में किसानों ने सरकार से लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. किसानों ने कहा कि आदेश देने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
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साथ ही महापंचायत में सरकार से लाठीचार्ज के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसान के परिवार को 25 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है. साथ ही कहा है कि घायलों को भी सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये की राशि दी जाए.
महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन अपनी मांगों को संयुक्त किसान मोर्चा के आगे रखेंगे, जिससे कोई कठिन फैसला लिया जा सके और किसानों पर कोई अत्याचार न हो.
किसानों ने मांगों को पूरा करने के लिए 6 सितंबर तक का वक्त दिया है. उनका कहना है कि 6 सितंबर तक यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो किसान 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में बड़ी महापंचायत करेंगे और अनिश्चितकाल के लिए सेक्रेटरी का घेराव किया जाएगा.
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