मुंबई:
पूर्व में मुबई निवासी और अब दुबई में रह रहे एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के कत्ल के इल्जाम में दोषी ठहराया गया है। मौत की सजा सरेआम गोली मारकर दी जाएगी। अब बोम्बे हाईकोर्ट को निर्णय करना है कि उसकी 6 साल की बेटी को किसकी निगरानी में रखना है।
आतिफ पोपेरे ने मार्च 2013 में अपनी 24 वर्षीय पत्नी बुशरा का कत्ल कर दिया था। आतिफ और उसके सहयोगी पर उसी साल हत्या का दोष साबित भी हो गया था। हत्या के बाद पोपेरे भारत भाग आया था, लेकिन उसे वापस यूएई जाकर आत्मसमर्पण करना पड़ा।
मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने की आतिफ की अर्जी इसी साल अक्टूबर में खारिज हो चुकी है। यूएई के कानून के अनुसार अब आतिफ की मौत की सजा को तभी उम्रकैद में बदला जा सकता है, जब पीड़ित पक्ष यानी उसकी पत्नी के माता-पिता और परिवारजन उसे माफ कर दें।
बुशरा की मां ऊषा धनंजयन का कहना है कि वो चाहती हैं कि उनके दामाद को जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी बेटी के हत्यारे को माफ नहीं करूंगी।' फिलहाल वे अपनी बेटी की आखिरी निशानी उसकी 6 साल की बेटी की कस्टडी के लिए कोर्ट में लड़ रही हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट अब 15 जनवरी को ऊषा धनंजयन की याचिका पर सुनवाई करेगी। आतिफ पोपेरे और निमी धनंजयन (बुशरा) की मुलाकात मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। साल 2008 में दोनों ने शादी कर ली और फिर वे काम के सिलसिले में दुबई चले गए। साल 2009 में दोनों की एक बेटी हुई।
हालांकि हत्या की वजह का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र माइनोरिटीज कमीशन के पूर्व वाइस चेयरमैन डॉ. अब्राहम मथाई का कहना है लगता है पोपेरे का बाहर किसी से लव अफेयर चल रहा था और बुशरा ने इस मामले में उससे पूछताछ की होगी, जिसकी वजह से उसका कत्ल कर दिया गया।
आतिफ पोपेरे ने मार्च 2013 में अपनी 24 वर्षीय पत्नी बुशरा का कत्ल कर दिया था। आतिफ और उसके सहयोगी पर उसी साल हत्या का दोष साबित भी हो गया था। हत्या के बाद पोपेरे भारत भाग आया था, लेकिन उसे वापस यूएई जाकर आत्मसमर्पण करना पड़ा।
मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने की आतिफ की अर्जी इसी साल अक्टूबर में खारिज हो चुकी है। यूएई के कानून के अनुसार अब आतिफ की मौत की सजा को तभी उम्रकैद में बदला जा सकता है, जब पीड़ित पक्ष यानी उसकी पत्नी के माता-पिता और परिवारजन उसे माफ कर दें।
बुशरा की मां ऊषा धनंजयन का कहना है कि वो चाहती हैं कि उनके दामाद को जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी बेटी के हत्यारे को माफ नहीं करूंगी।' फिलहाल वे अपनी बेटी की आखिरी निशानी उसकी 6 साल की बेटी की कस्टडी के लिए कोर्ट में लड़ रही हैं।
ऊषा धनंजयन की तरफ से कोर्ट में पेश वकील रिजवान मर्चेंट का कहना है कि बच्ची की जिम्मेदारी आतिफ के परिजनों को नहीं दी जानी चाहिए। मर्चेंट ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि आतिफ और उसके परिजन बच्ची की जिम्मेदारी लेने के हकदार हैं। अगर उसे अपनी पत्नी से इतनी शत्रुता थी कि उसे रास्ते से हटा दिया तो बच्ची के प्रति उसकी भावनाओं पर भी मुझे शक है।'
बॉम्बे हाईकोर्ट अब 15 जनवरी को ऊषा धनंजयन की याचिका पर सुनवाई करेगी। आतिफ पोपेरे और निमी धनंजयन (बुशरा) की मुलाकात मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। साल 2008 में दोनों ने शादी कर ली और फिर वे काम के सिलसिले में दुबई चले गए। साल 2009 में दोनों की एक बेटी हुई।
हालांकि हत्या की वजह का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र माइनोरिटीज कमीशन के पूर्व वाइस चेयरमैन डॉ. अब्राहम मथाई का कहना है लगता है पोपेरे का बाहर किसी से लव अफेयर चल रहा था और बुशरा ने इस मामले में उससे पूछताछ की होगी, जिसकी वजह से उसका कत्ल कर दिया गया।
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