आयकरदाताओं में वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने की होड़ मच गई है. 31 दिसंबर की अंतिम तारीख (ITR Last date 31st December) को देखते हुए पिछले चार दिनों में ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने आईटीआर दाखिल किया. वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए सवा चार करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर दिए गए. एक दिन की बात करें तो 27 दिसंबर को शाम 5 बजे तक 7 लाख 10 हजार 238 रिटर्न फाइल किए गए. हर घंटे करीब एक लाख रिटर्न जमा हो रहे हैं.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बताया कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिए 27 दिसंबर तक 4.23 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए जा चुके हैं. विभाग ने सभी से समयसीमा के पहले रिटर्न भरने की सलाह दी है.अब तक दाखिल आयकर रिटर्न में से 2.38 करोड़ ने ITR-1 दाखिल किया है. जबकि 92.26 लाख ने ITR-4 और 51.05 लाख से अधिक ने ITR-3 जमा किया है. वहीं 31.09 लाख से ज्यादा करदाताओं ने ITR-2 जमा कराया है.
आयकर रिटर्न जमा कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 है, हालांकि जिन करदाताओं के खातों की ऑडिट की जरूरत है, वे 31 जनवरी 2021 तक रिटर्न (ITR) जमा करा सकते हैं. कोविड-19 को देखते हुए आयकर रिटर्न (ITR) जमा कराने की समयसीमा पहले 31 जुलाई से 31 अक्टूबर 2020 की गई थी, फिर इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया गया.
पिछले साल अगस्त तक भर गए 4.3 करोड़ रिटर्न
बिना जुर्माना के वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए अंतिम तिथि तक 5.65 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे. पिछले साल रिटर्न की तारीख को 31 अगस्त 2019 तक बढ़ाया गया था. विभाग ने कहा कि पिछले साल 27 अगस्त 2019 तक 4.30 करोड़ आयकर रिटर्न फाइल किए गए थे. जबकि इस बार 27 दिसंबर 2020 तक 4.23 करोड़ आयकर रिटर्न जमा कराए हैं.
जानिए कौन सा ITR फॉर्म भरें आप
ITR-1 सहज फार्म को ऐसा व्यक्ति भर सकता है, जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, वहीं आईटीआर- 4 सुगम फार्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है. ITR- 3 और 6 व्यवसायियों के लिये, ITR- 2 आवासीय संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है. ITR- 5 फार्म एलएलपी और एसोसिएसन आफ पर्सन के लिए है. ITR- 7 उन लोगों के लिए हैं जिन्हें ट्रस्ट अथवा अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है.
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