अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और अब भी रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके बहुत काम की है. हाल के दिनों में हजारों टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मैसेज मिला है कि उनका ITR रिफंड होल्ड पर है. यह मैसेज देखकर लोग घबरा जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपका पैसा चला गया है. दरअसल, विभाग को आपके रिटर्न में कुछ जानकारी को लेकर शक है या कोई डेटा मैच नहीं हो रहा. ऐसे मामलों में टैक्स डिपार्टमेंट आपको मौका देता है कि आप अपनी गलती सुधार लें. इसके लिए रिवाइज्ड ITR फाइल करने का एक ऑप्शन आपके पास है. लेकिन यह मौका ज्यादा दिन के लिए नहीं है. 31 दिसंबर 2025 रिवाइज्ड ITR फाइल करने की आखिरी तारीख है.
रिवाइज्ड ITR फाइल नहीं किया तो नहीं मिलेगा रिफंड?
जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका रिफंड होल्ड पर डालता है, तो इसका सीधा मतलब है कि आपके ITR में दी गई जानकारी और विभाग के पास मौजूद डेटा में फर्क है. यह फर्क इनकम, डिडक्शन, बैंक डिटेल या टैक्स की गणना से जुड़ा हो सकता है. जब तक आप इस फर्क पर जवाब नहीं देते या रिटर्न को सही नहीं करते, तब तक रिफंड आगे नहीं बढ़ता.
क्या दोबारा ITR फाइल करना जरूरी है?
अगर आपका केस रिस्त मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आया है, तो रिफंड अपने आप रिलीज नहीं होगा. टैक्स डिपार्टमेंट चाहता है कि आप खुद आगे आकर गलती सुधारें. कई मामलों में सिर्फ ऑनलाइन जवाब देना काफी होता है, लेकिन अगर साफ तौर पर रिवाइज्ड ITR मांगा गया है और आपने उसे फाइल नहीं किया, तो रिफंड लंबे समय तक अटक सकता है.
जवाब नहीं दिया तो हो सकता है नुकसान
अगर आपने तय समय के अंदर कोई जवाब नहीं दिया या रिवाइज्ड ITR फाइल नहीं की, तो डिपार्टमेंट अपनी जानकारी के आधार पर रिटर्न प्रोसेस कर सकता है. ऐसी स्थिति में आपका रिफंड कम हो सकता है या बकाया टैक्स में एडजस्ट हो सकता है. कुछ मामलों में टैक्स डिमांड भी बन सकती है. इसके बाद गलती सुधारना और भी मुश्किल हो जाता है.
छोटी गलती भी बन सकती है बड़ी परेशानी
अक्सर लोग सोचते हैं कि छोटी सी गलती से क्या फर्क पड़ेगा, लेकिन हकीकत इससे अलग है. फॉर्म 26AS और ITR में फर्क, गलत बैंक अकाउंट नंबर, किसी इनकम को भूल जाना या गलत डिडक्शन डाल देना भी रिफंड रुकने की वजह बन सकता है. ऐसे मामलों में रिवाइज्ड ITR फाइल करना सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता होता है.
रिवाइज्ड ITR किसे फाइल कर जरूरी है?
बहुत से टैक्सपेयर्स को लगता है कि अगर उन्होंने लेट ITR फाइल की है तो वह उसे रिवाइज नहीं कर सकते. लेकिन ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, लेट फाइल की गई ITR भी रिवाइज की जा सकती है, बस शर्त यह है कि यह काम तय समय के अंदर किया जाए.
कितनी बार ITR रिवाइज की जा सकती है?
इसको लेकर भी लोगों में कन्फ्यूजन रहता है. सच यह है कि ITR को रिवाइज करने की कोई लिमिट नहीं है. आप जरूरत पड़ने पर एक से ज्यादा बार रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन हर बार यह काम तय समय सीमा के अंदर होना चाहिए.
31 दिसंबर 2025 रिवाइज्ड और बिलेटेडITR दोनों की आखिरी डेडलाइन है. अगर इस तारीख के बाद आपके रिटर्न में कोई गलती सामने आती है, तो आप उसे सुधार नहीं पाएंगे. भले ही CPC की तरफ से गलती की जानकारी आपको बाद में मिले, तब भी रिवाइज्ड ITR का ऑप्शन बंद हो जाएगा.
रिवाइज्ड ITR कैसे फाइल करें?
रिवाइज्ड ITR फाइल करने के लिए आपको इनकम टैक्स ई फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करना होगा. वहां संबंधित असेसमेंट ईयर चुनकर रिवाइज्ड रिटर्न का ऑप्शन मिलेगा. आपको पुरानी ITR की डिटेल भरनी होगी और फिर सही जानकारी डालकर रिटर्न सबमिट करना होगा. आखिरी स्टेप में ई वेरिफिकेशन जरूरी है, तभी प्रोसेस पूरा माना जाएगा.
टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए?
अगर आपका रिफंड होल्ड पर है या आपको टैक्स डिपार्टमेंट से कोई मैसेज या मेल मिला है, तो उसे नजरअंदाज न करें. अपनी फाइल की गई ITR को ध्यान से दोबारा देखें. इनकम, डिडक्शन और बैंक डिटेल चेक करें. अगर गलती दिखे, तो 31 दिसंबर 2025 से पहले रिवाइज्ड ITR जरूर फाइल करें. इससे न सिर्फ आपका रिफंड जल्दी मिलेगा, बल्कि आगे किसी जांच, ब्याज या पेनल्टी से भी बच जाएंगे.
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