मोहन भागवत ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर के अनुकूल परिस्थितियां
उडुप्पी:
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा है कि देश में मौजूदा परिस्थितियां अयोध्या में राम मंदिर बनाने के अनुकूल हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए थोड़ा धैर्य से काम लेने की जरूरत है.
अयोध्या मुद्दे पर राहुल गांधी तोड़ें 'चुप्पी' और रुख करें स्पष्ट: भाजपा
कर्नाटक के उडुप्पी में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में भागवत ने कहा कि ये मुद्दा श्रद्धा है इसलिए मंदिर वहीं बनेगा जहां राम की जन्मभूमि है. आपको बाद दें कि विश्व हिंदु परिषद् की ‘धर्म संसद’ शुक्रवार से शुरू हुई है और तीन दिनों तक चलेगी. आयोजकों के मुताबिक इसमें राम मंदिर का निर्माण, धर्मांतरण पर रोक और गौ रक्षा जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर और योग गुरू बाबा रामदेव के शामिल होने की उम्मीद भी जताई जा रही है.
ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रवि शंकर ने लंबे समय से चल रहे अयोध्या विवाद में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी और वह पहले ही कई पक्षकारों से इस संबंध में बात कर चुके हैं.
आयोजकों ने बताया कि देशभर से दो हजार से ज्यादा संत, मठाधीश और वीएचपी नेता इस सम्मेलन में शामिल होंगे. इसमें जाति और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी और हिंदु समाज के बीच सौहार्द लाने के तरीकों की तलाश की जाएगी.
उदुपी के पेजावर मठ के ऋषि श्री विश्वेष तीर्थ स्वामी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, गौ रक्षा, छुआछूत का सफाया, समाज सुधार और धर्मांतरण को रोकने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
VIDEO: अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए आगे आया शिया वक्फ बोर्ड
उन्होंने बताया कि धर्म संसद को “राजनीति और राजनीतिक एजेंडे” से पूरी तरह अलग रखा जाएगा और यह विशुद्ध रूप से हिंदु संतों का एक सम्मेलन होगा. एक विशाल हिंदु समाजोत्सव के साथ संसद का समापन होगा जहां योगी आदित्यनाथ मुख्य भाषण देंगे.
अयोध्या मुद्दे पर राहुल गांधी तोड़ें 'चुप्पी' और रुख करें स्पष्ट: भाजपा
कर्नाटक के उडुप्पी में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में भागवत ने कहा कि ये मुद्दा श्रद्धा है इसलिए मंदिर वहीं बनेगा जहां राम की जन्मभूमि है. आपको बाद दें कि विश्व हिंदु परिषद् की ‘धर्म संसद’ शुक्रवार से शुरू हुई है और तीन दिनों तक चलेगी. आयोजकों के मुताबिक इसमें राम मंदिर का निर्माण, धर्मांतरण पर रोक और गौ रक्षा जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर और योग गुरू बाबा रामदेव के शामिल होने की उम्मीद भी जताई जा रही है.
ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रवि शंकर ने लंबे समय से चल रहे अयोध्या विवाद में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी और वह पहले ही कई पक्षकारों से इस संबंध में बात कर चुके हैं.
आयोजकों ने बताया कि देशभर से दो हजार से ज्यादा संत, मठाधीश और वीएचपी नेता इस सम्मेलन में शामिल होंगे. इसमें जाति और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी और हिंदु समाज के बीच सौहार्द लाने के तरीकों की तलाश की जाएगी.
उदुपी के पेजावर मठ के ऋषि श्री विश्वेष तीर्थ स्वामी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, गौ रक्षा, छुआछूत का सफाया, समाज सुधार और धर्मांतरण को रोकने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
VIDEO: अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए आगे आया शिया वक्फ बोर्ड
उन्होंने बताया कि धर्म संसद को “राजनीति और राजनीतिक एजेंडे” से पूरी तरह अलग रखा जाएगा और यह विशुद्ध रूप से हिंदु संतों का एक सम्मेलन होगा. एक विशाल हिंदु समाजोत्सव के साथ संसद का समापन होगा जहां योगी आदित्यनाथ मुख्य भाषण देंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं