शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई:
शिवसेना ने मोदी सरकार के यह कहने पर कि कश्मीरी नेताओं के किसी भी देश के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर कोई रोक नहीं है, एक बार फिर करारा हमला बोला है। शिवसेना ने कहा कि भाजपा सरकार ने अलगाववादियों को पाकिस्तान से बातचीत करने की 'रियायत' दी है और वह गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से रंग बदल रही है।
'केंद्र का रुख अयोध्या में राम मंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा'
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ने यह भी कहा, 'हुर्रियत पर केंद्र का रुख परिवर्तन अयोध्या में राम मंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा है।' उसने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'हुर्रियत कांफ्रेंस अब पाकिस्तान के साथ कश्मीर के बारे में चर्चा करने जा रही है और केंद्र सरकार ने उसे यह रियायत दी है। कल कश्मीर पर मसूद अजहर, दाऊद इब्राहीम और (जकीउर रहमान) लखवी के साथ बात होगी।'
'कांग्रेस ने ऐसा किया होता तो उसे पाक का एजेंट करार देते'
उसने लिखा है, 'जब रंग गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से बदले जाते हैं, तो लोग सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे वे (मोदी सरकार) ऐसा कर लेते हैं... यदि कांग्रेस ने हुर्रियत और कश्मीर मुद्दों पर ऐसा किया होता तो भाजपा और संघ परिवार ने उसे पाकिस्तान का एजेंट करार दिया होता।'
'कश्मीर पर सरकार ने कमजोर रवैया अपनाया'
शिवसेना ने संपादकीय में कहा, 'तब कांग्रेस से कहा गया होता कि वह देश को बेच रही है और मांग की गई होती कि ऐसे देशद्रोही को सत्ता से बेदखल किया जाए।' मुखपत्र में कहा गया है, 'कल तक मोदी सरकार कह रही थी कि वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर छोड़ सभी चीजों पर चर्चा करेगी। अब रुख बदल गया है और उसने कमजोर रवैया अपना लिया है जो पिछली कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया।'
पार्टी ने कहा, 'वास्तव में, देश को इस रुख परिवर्तन पर अचरच नहीं होना चाहिए। लोगों ने तब ही इस रुख परिवर्तन का संज्ञान ले लिया था, जब भाजपा ने पीडीपी से हाथ मिलाया था, जो (पीडीपी) पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखती है और जिसने (पीडीपी ने) आतंकवादियों को मजबूत बनाया है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
'केंद्र का रुख अयोध्या में राम मंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा'
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ने यह भी कहा, 'हुर्रियत पर केंद्र का रुख परिवर्तन अयोध्या में राम मंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा है।' उसने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'हुर्रियत कांफ्रेंस अब पाकिस्तान के साथ कश्मीर के बारे में चर्चा करने जा रही है और केंद्र सरकार ने उसे यह रियायत दी है। कल कश्मीर पर मसूद अजहर, दाऊद इब्राहीम और (जकीउर रहमान) लखवी के साथ बात होगी।'
'कांग्रेस ने ऐसा किया होता तो उसे पाक का एजेंट करार देते'
उसने लिखा है, 'जब रंग गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से बदले जाते हैं, तो लोग सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे वे (मोदी सरकार) ऐसा कर लेते हैं... यदि कांग्रेस ने हुर्रियत और कश्मीर मुद्दों पर ऐसा किया होता तो भाजपा और संघ परिवार ने उसे पाकिस्तान का एजेंट करार दिया होता।'
'कश्मीर पर सरकार ने कमजोर रवैया अपनाया'
शिवसेना ने संपादकीय में कहा, 'तब कांग्रेस से कहा गया होता कि वह देश को बेच रही है और मांग की गई होती कि ऐसे देशद्रोही को सत्ता से बेदखल किया जाए।' मुखपत्र में कहा गया है, 'कल तक मोदी सरकार कह रही थी कि वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर छोड़ सभी चीजों पर चर्चा करेगी। अब रुख बदल गया है और उसने कमजोर रवैया अपना लिया है जो पिछली कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया।'
पार्टी ने कहा, 'वास्तव में, देश को इस रुख परिवर्तन पर अचरच नहीं होना चाहिए। लोगों ने तब ही इस रुख परिवर्तन का संज्ञान ले लिया था, जब भाजपा ने पीडीपी से हाथ मिलाया था, जो (पीडीपी) पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखती है और जिसने (पीडीपी ने) आतंकवादियों को मजबूत बनाया है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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