विज्ञापन
This Article is From Mar 19, 2011

12वीं की परीक्षा दे रहे हैं उड़ीसा के मंत्री

भुवनेश्वर: उड़ीसा के सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री 33 वर्षीय रमेश चंद्र मांझी इन दिनों रात 11 से 1 बजे तक समर्पित भाव से पढ़ाई करते हैं। वह इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। गोंड जनजातीय समुदाय से सम्बंध रखने वाले माझी ने कहा कि मैं शिक्षा के महत्व से वाकिफ था, लेकिन कई कारणों से पढ़ाई जारी नहीं रख सका। माझी 12 से 30 मार्च तक चलने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए लिए पनबेडा गांव जाते हैं। उन्होंने 1995 में भी परीक्षा दी थी, लेकिन तब अनुत्तीर्ण हो गए थे। मंत्री आर्ट विषय से परीक्षा दे रहे हैं। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद वह आर्ट विषय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। सिर्फ 19 वर्ष की अवस्था में 1997 में मांझी राजनीति में प्रवेश कर गए थे। वह स्थानीय पंचायत समिति प्रमुख चुने गए और 2002 तक इस पद पर रहे थे। इसके बाद 2002 में वे जिला परिषद के सदस्य चुने गए और दो वर्ष तक इस पद रहे। बहनों की शादी, पिता की मृत्यु और राजनीतिक काम-काज के कारण उनकी पढ़ाई बीच में रुक गई थी। मांझी के पिता जादव मांझी भी राजनीति से जुड़े थे और दाबूगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक (1990-95) थे। उन्होंने परा-स्नातक (पीजी) तक की पढ़ाई पूरी की थी और 1984 में राजनीति में जुड़ने से पहले 10 सालों तक शिक्षक रहे थे। वे बीजू पटनायक की सरकार में राज्य मंत्री भी बनाए गए थे। रमेश चंद्र मांझी ने अपने पिता के बारे में बताया कि वे कवि और लघु कथा लेखक थे। मांझी अभी जनजातीय बहुल नबरंगपुर जिले में दंडमुंड गांव में अपने घर पर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वे परीक्षा पास कर जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक पद पर होने के कारण उन्हें कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है। यह पूछे जाने पर कि पढ़ाई करते हुए वह अपना उत्तरदायित्व किस प्रकार निभाते हैं, उन्होंने कहा कि उनके अधिकारी हमेशा उनके सम्पर्क में रहते हैं। वह हर मुद्दे पर उनसे बात करते हैं। उन्होंने कहा कि वह देर शाम तक राजनीतिक कार्य करते हैं और रात 11 बजे से एक बजे तक पढ़ाई करते हैं। मांझी को उनके पारिवारिक सदस्यों, मित्रों और बीजू जनता दल के अपने अन्य सहयोगियों से भी प्रोत्साहन मिल रहा है। एक पुत्र और पुत्री के पिता मांझी ने कहा कि हमें अच्छी शिक्षा जरूर हासिल करनी चाहिए। मांझी की पत्नी तपस्विनी का मानना है कि अच्छी शिक्षा हासिल कर वह गरीबों की सेवा और अच्छी तरह से कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह खुश है कि वह अपना लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। समुदाय के एक छात्र गोपाल मुरमू ने कहा कि जहां चाह होती है, वहां राह भी निकल ही आती है। उनसे यह शिक्षा मिलती है कि आप चाहे किसी भी पद पर हों या कहीं भी हों, अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
हरियाणा विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन से पहले ही नेताओं के बगावती हुए तेवर, भारती ने दिया बड़ा बयान
12वीं की परीक्षा दे रहे हैं उड़ीसा के मंत्री
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Next Article
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com