शहीद पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह का फाइल फोटो...
कपूरथला:
गुरदासपुर जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह ऐसे पुलिसकर्मी के बेटे हैं जो वर्ष 1984 में पंजाब में उग्रवाद चरम पर होने के दौरान उग्रवादियों के हमले में ही शहीद हो गए थे।
सेना की वर्दी पहनकर आए हथियारों से लैस आतंकवादियों के हमले में चार आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। शहीद हुए पुलिसकर्मियों में पुलिस अधीक्षक (खुफिया) बलजीत भी शामिल हैं।
बलजीत आतंकवादियों द्वारा किए गए सड़क हादसे में अपने पिता निरीक्षक अछार सिंह की मौत के बाद वर्ष 1985 में एएसआई के तौर पर बल में शामिल हुए थे।
उन्होंने फगवाड़ा के थाना प्रभारी और मनसा में सतर्कता विभाग में पद संभालने के बाद सातवीं आईआरबी बटालियन में उप कमांडेंट की जिम्मेदारी संभाली। बलजीत के परिवार में उनकी पत्नी कुलवंत कौर के अलावा एक बेटा मनिंदर सिंह (24), बेटियां परमिंदर कौर (22) और रविंदर कौर (20) हैं। उनका आज यहां अंतिम संस्कार के लिए लाया जाएगा।
सेना की वर्दी पहनकर आए हथियारों से लैस आतंकवादियों के हमले में चार आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। शहीद हुए पुलिसकर्मियों में पुलिस अधीक्षक (खुफिया) बलजीत भी शामिल हैं।
बलजीत आतंकवादियों द्वारा किए गए सड़क हादसे में अपने पिता निरीक्षक अछार सिंह की मौत के बाद वर्ष 1985 में एएसआई के तौर पर बल में शामिल हुए थे।
उन्होंने फगवाड़ा के थाना प्रभारी और मनसा में सतर्कता विभाग में पद संभालने के बाद सातवीं आईआरबी बटालियन में उप कमांडेंट की जिम्मेदारी संभाली। बलजीत के परिवार में उनकी पत्नी कुलवंत कौर के अलावा एक बेटा मनिंदर सिंह (24), बेटियां परमिंदर कौर (22) और रविंदर कौर (20) हैं। उनका आज यहां अंतिम संस्कार के लिए लाया जाएगा।
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