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Mahatma Gandhi: 'व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं, उसके चरित्र से होती है', महात्मा गांधी के दमदार कोट्स
- Wednesday January 30, 2019
- Written by: नंदन सिंह
Mahatma Gandhi Death Anniversary 30 January: अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत 'हे राम' कहकर दुनिया से विदा हो गया.
- ndtv.in
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कथित राष्ट्रवादियों के मुंह पर करारा तमाचा है शहीद औरंगज़ेब के पिता का बयान...
- Thursday June 21, 2018
- आनंद नायक
भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगज़ेब के पिता को सलाम... जवान बेटे को आतंकियों के हाथों गंवाने के बाद देशप्रेम की भावना से पगी ऐसी बात वतन से बेइंतहा मोहब्बत करने वाला कोई शख्स ही कर सकता था. सेना में तैनात औरंगज़ेब परिवार के साथ ईद मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिला स्थित अपने घर जा रहा था, तभी आतंकियों ने उसका अपहरण कर लिया था. औरंगज़ेब को बर्बरतापूर्वक मौत के घाट उतारने से पहले आतंकियों ने उससे पूछताछ का वीडियो भी बनाया था. इस वीडियो में औरंगज़ेब आतंकियों की आंख से आंख मिलाकर सवालों का जवाब दे रहा था. ऐसा लगा, मानो, मौत का उसे कोई खौफ ही नहीं है. सेना के इस जवान की शहादत को सैल्यूट करने सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन उसके पिता मोहम्मद हनीफ से मिलने पहुंचे थे. हनीफ का पूरा परिवार ही भारतीय सेना से जुड़ा है. बेटे के 'बलिदान' पर हनीफ ने जो कुछ कहा, वह देश के उन कथित राष्ट्रवादियों के मुंह पर करारा तमाचा था, जो देशप्रेम को किसी धर्म-संप्रदाय विशेष की बपौती मानते हैं.
- ndtv.in
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गुरदासपुर आतंकी हमला : एसपी बलजीत के पिता ने भी दी थी उग्रवाद से लड़ते हुए जान
- Tuesday July 28, 2015
- Reported by Bhasha
गुरदासपुर जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह ऐसे पुलिसकर्मी के बेटे हैं जो वर्ष 1984 में पंजाब में उग्रवाद चरम पर होने के दौरान उग्रवादियों के हमले में ही शहीद हो गए थे।
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कथित राष्ट्रवादियों के मुंह पर करारा तमाचा है शहीद औरंगज़ेब के पिता का बयान...
- Thursday June 21, 2018
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भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगज़ेब के पिता को सलाम... जवान बेटे को आतंकियों के हाथों गंवाने के बाद देशप्रेम की भावना से पगी ऐसी बात वतन से बेइंतहा मोहब्बत करने वाला कोई शख्स ही कर सकता था. सेना में तैनात औरंगज़ेब परिवार के साथ ईद मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिला स्थित अपने घर जा रहा था, तभी आतंकियों ने उसका अपहरण कर लिया था. औरंगज़ेब को बर्बरतापूर्वक मौत के घाट उतारने से पहले आतंकियों ने उससे पूछताछ का वीडियो भी बनाया था. इस वीडियो में औरंगज़ेब आतंकियों की आंख से आंख मिलाकर सवालों का जवाब दे रहा था. ऐसा लगा, मानो, मौत का उसे कोई खौफ ही नहीं है. सेना के इस जवान की शहादत को सैल्यूट करने सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन उसके पिता मोहम्मद हनीफ से मिलने पहुंचे थे. हनीफ का पूरा परिवार ही भारतीय सेना से जुड़ा है. बेटे के 'बलिदान' पर हनीफ ने जो कुछ कहा, वह देश के उन कथित राष्ट्रवादियों के मुंह पर करारा तमाचा था, जो देशप्रेम को किसी धर्म-संप्रदाय विशेष की बपौती मानते हैं.
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गुरदासपुर आतंकी हमला : एसपी बलजीत के पिता ने भी दी थी उग्रवाद से लड़ते हुए जान
- Tuesday July 28, 2015
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गुरदासपुर जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह ऐसे पुलिसकर्मी के बेटे हैं जो वर्ष 1984 में पंजाब में उग्रवाद चरम पर होने के दौरान उग्रवादियों के हमले में ही शहीद हो गए थे।
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