केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने मंगलवार को प्रदर्शनरत रेजीडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनसे नीट पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर चल रहा अपना आंदोलन वृहद जनहित में रद्द करने का अनुरोध किया. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है और छह जनवरी को सुनवाई की निर्धारित तारीख से पहले उच्चतम न्यायालय में ईडब्ल्यूएस रिपोर्ट के संबंध में उचित जवाब दिया जाएगा. मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रेजीडेंट डॉक्टर नीट पीजी काउंसिलिंग में देरी को लेकर पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. मैंने इस मुद्दे को हल करने के लिए निर्माण भवन में प्रदर्शनरत डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से बैठक की.'
उन्होंने कहा, ‘‘हम काउंसिलिंग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है. भारत सरकार छह जनवरी को होने वाली सुनवाई से पहले उच्चतम न्यायालय में जवाब सौंपेगी. हम अदालत से इस मुद्दे पर सुनवाई तेज करने का अनुरोध करते हैं ताकि जल्द से जल्द काउंसिलिंग शुरू की जा सके.''
मंडविया ने कोविड संकट के दौरान रेजीडेंट डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों द्वारा किए उल्लेखनीय काम के लिए उनका आभार भी जताया.
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नीट-पीजी 2021 की काउंसिलिंग में देरी को लेकर आंदोलन तेज करते हुए बड़ी संख्या में रेजीडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार को केंद्र द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल के परिसरों में प्रदर्शन किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं