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This Article is From Dec 15, 2018

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा- रिपोर्ट PAC में कब पेश की गई, क्या यह पब्लिक डोमेन में है?

राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के घऱ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा- रिपोर्ट PAC में कब पेश की गई, क्या यह पब्लिक डोमेन में है?
मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के घऱ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि पीएसी रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में नहीं है. जब पब्लिक अकाउंट कमेटी जांच करती है तो साक्ष्य मांगती है और सभी उसमें मौजूद होते हैं. सरकार ने खुद गलत सूचना सुप्रीम कोर्ट में दी है. मैं अपने सारे पब्लिक अकाउंट कमेटी से अनुरोध कर रहा हूं कि अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाए और सीएजी के चीफ से भी पूछताछ की जाए कि कब यह रिपोर्ट सदन पर रखा गया, कब सीएजी के पास रिपोर्ट आई, कब पीएसी के पास यह रिपोर्ट आई और कब यह फाइनल हुआ. 

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि पीएसी यानी लोक लेखा समिति को राफेल पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. मैं सारे पीएसी के सदस्यों से कहने जा रहा हूं कि अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाए कि कब पीएसी को रिपोर्ट दी गई और कब संसद में पेश की गई. यह चौंकाने वाला है. सारी झूठी चीजें लेकर अपनी बात को साबित करने की कोशिश की गई.

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उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आप क्या मटेरियल रखेंगे उस पर निर्णय लिया जाता है. हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. लेकिन वह जांच नहीं कर सकता है. इस पर जेपीसी की जांच होनी चाहिए. सीएजी और अटॉर्नी जनरल को पीएसी में बुलाएंगे. 

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश को गुमराह करने के लिए सारी झूठीं चीजें लाकर सरकार सारी बातें सत्य साबित करने की कोशिश कर रही है. इसलिए हमारी मांग है कि जेपीसी से इसकी जांच करवाओ. 

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दरअसल, शुक्रवार को राफेल पर फैसले के वक्त प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा , ‘हमारे सामने पेश की गयी सामग्री दर्शाती है कि सरकार ने विमान के मूल दाम को छोड़कर मूल्य निर्धारण का ब्योरा संसद को भी नहीं दिया है, इस आधार पर कि मूल्य निर्धारण विवरण की संवेदनशीलता से राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी और दोनों देशों के बीच के समझौते का भी उल्लंघन होगा.' पीठ ने कहा कि हालांकि मूल्य निर्धारण ब्योरा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को दिया यगा और कैग की रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति (पीएसी) विचार भी कर चुकी है. 

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