महाराष्ट्र (Maharashtra) भाजपा नेताओं ने राज्य में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर अंतिम निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आज शामिल नहीं होने का फैसला किया. दरअसल, लाउडस्पीकर को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आज महाराष्ट्र सरकार ने बैठक बुलाई. ये बैठक सहयाद्री गेस्ट हाउस में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हो रही है. इस बैठक में बीजेपी शामिल नहीं हो रही है. बैठक में देवेन्द्र फडणवीस और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को शामिल होना था.
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की गिरफ्तारी के पीछे सीएम उद्धव ठाकरे का हाथ है, क्योंकि राणा ने उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा की थी. उन्होंने बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर हमले के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया. अगर कोई हिटलर की भूमिका ले ले तो उससे बातचीत करने के बजाय लड़ना बेहतर है.
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भाजपा के अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भी घोषणा की कि वह बैठक में शामिल नहीं होंगे.मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इस महीने की शुरुआत में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की जोरदार वकालत की थी. राज ठाकरे ने कहा था कि अगर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 3 मई से पहले मस्जिदों से हाई-डेसीबल लाउडस्पीकर नहीं हटाया तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएंगे.
इससे पहले आज किरीट सोमैया भाजपा के पांच विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की और महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से पूर्व लोकसभा सांसद किरीट सोमैया पर हमले पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी. मुलाकात के बाद किरीट सोमैया ने कहा कि गृह सचिव को उन्होंने राज्य में खराब होती कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी दी और यहां से एक स्पेशल टीम भेजने की मांग की. सोमैया ने आरोप लगाया कि राज्य में शिवसैनिक खुलेआम मारपीट कर रहे हैं और सांसद-विधायकों को ज़मीन में गाड़ने की धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई और राज्य पुलिस इन मामलों में निष्पक्षता से काम नहीं कर रही है. इधर किरीट सौमेया के दिल्ली आने पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना ने कहा कि ये महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साजिश है. अगर उन्हें कोई परेशानी है तो राज्य के मुख्यमंत्री- अधिकारी से मुलाकात करनी चाहिए.
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