महाराष्ट्र (Maharashtra Asha Workers Strike) की लगभग 70 हजार आशा कार्यकर्ता आज (मंगलवार) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वे वेतन में वृद्धि की मांग कर रही हैं. आशा वर्कर्स को हर महीने 1650 रुपये मिलते हैं, जबकि कुल 72 तरह के काम करने पड़ते हैं. कोरोना काल (Covid 19 Pandemic) में वे लगातार बस्तियों में जाकर घर-घर ट्रेसिंग और ट्रैकिंग का काम करती आ रही हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि मुंबई में जिस धारावी मॉडल का बखान किया जाता है, उसकी असली हीरो आशा वर्कर्स हैं लेकिन वही लोग सबसे उपेक्षित हैं.
आशा कार्यकर्ता संगीता इंगले कहती हैं, 'हम लोग एक-एक घर में जाकर एक-एक आदमी से पूछते हैं कि वो एडमिट हैं या घर पर ही हैं. उसके परिवार की जानकारी लिखकर देते हैं. हम घर पर बेल बजाकर पूछते हैं कि मरीज कहां है. मरीज सामने आकर बोलता है, मैं हूँ...ऐसा हम लोगों ने कवर किया है.'
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आशा वर्कर्स ने पूछा है कि 1650 रुपये प्रति महीने में क्या होता है. उनका कोई बीमा नही है. बीमार हो जाएं तो इलाज की कोई सुविधा नहीं है. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने तारीफ तो की है लेकिन सिर्फ तारीफ से पेट नहीं भरता, सराहना से घर नहीं चलता, इसलिए उनकी मांग है कि उन्हें कम से कम 18 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएं. बीमा किया जाए, तभी वे लोग काम पर वापस लौटेंगी.
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