मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) में युवक को जिंदा जलाने का मामला गरमाता जा रहा है. मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके घर को गिराने की घटना से मध्यप्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है. कार्रवाई के 13 दिन बाद मुख्यमंत्री ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है. जबकि मामले में आरोपी गिरफ्तार हैं, उनके घर को ढहाया भी जा चुका है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार यूपी की नकल कर रही है. मामले को लेकर हालात सियासी और जातिगत उन्माद में तब्दील हो चुका है.
आक्रोशित ब्राह्मणों ने रखी महापंचायत
मामले में कार्रवाई को लेकर सागर जिले में ब्राह्मण समुदाय ने गुरुवार को महापंचायत रखी. महापंचायत में मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह के इस्तीफे की मांग की गई. सरकार की कार्रवाई का विरोध कर रहे लोगों ने मंत्री भूपेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने छोटे मामले को जातिगत रूप दे दिया. यह भी पूछा गया कि घर गिराने का कहां प्रावधान है? लोगों ने कहा कि जाति की राजनीति हो रही है, ऐसी हरकतों से कानून व्यवस्था बिगड़ती है.
सागर में ब्राह्मण समुदाय ने गुरुवार महापंचायत रखी, वहां से कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह का इस्तीफा मांग लिया. पूछा कि घर गिनाने का कहां प्रावधान है ? pic.twitter.com/4R8gt7qze5
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 1, 2021
मंत्री ने घर तोड़ने की मांग को जायज बताया
इससे पहले राहुल यादव की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सागर खुरई मार्ग को जाम कर दिया था. गुस्साए लोगों से मिलने मंत्री भूपेंद्र सिंह पहुंचे. उन्होंने पीड़ित यादव परिवार को एक लाख रूपए की सहायता देने की बात कही. प्रदर्शनकारियों की कई मांगों में से एक थी कि आरोपियों के घर को तोड़ा जाए. मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस मांग को जायज़ बताया था. आरोपियों के घर पर जेसीबी चलाई गई. सेमरा लहरिया गांव पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम ने आरोपियों के मकान, दुकान को जमींदोज कर दिया.
ब्राह्मणों ने किया था आंदोलन का ऐलान
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर आक्रोशित ब्राह्माणों ने 30 सितंबर को विशाल आंदोलन का ऐलान किया था. आंदोलन में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के अलावा पड़ोसी यूपी से भी लोग सागर पहुंचे. हालांकि आंदोलन के पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला का निःशुल्क इलाज कराने और घटना की सीबीआई जांच के लिए केंद्र से सिफारिश कर दी.
सीएम ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
आरोप था कि 16 सितंबर देर रात जब मृतक आरोपी की शादीशुदा बेटी से मिलने पहुंचा तो रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसने लड़के को ज़िंदा जला दिया. अस्पताल में उसकी मौत हो गई. लड़की खुद भी 60 फीसद झुलस गई. लड़की ने अपने बयान में कहा कि लड़के ने ही दोनों को आग लगाई, उसके रिश्तेदार निर्दोष हैं. मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी, उनका घर ढहाने के बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच के आदेश दिये.
मध्यप्रदेश में यूपी की नकल
सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि दो चीजों का शासन से निर्णय हुआ है, जो बच्ची झुलसी थी उसका इलाज माननीय मुख्यमंत्री जी ने शासन के जरिये करवाया है. दूसरा घटना की जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीबीआई जांच होगी. सीबीआई जांच के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि पहले एक पक्ष की बात सुनी मकान तोड़ा, अब दूसरे की सुनकर सीबीआई जांच की बात कह रहे हैं. मध्यप्रदेश में यूपी की नकल कर रहे हैं.
पहले भी ढहाया गया है आरोपियों का घर
बता दें कि राज्य में आरोपी को सज़ा देने के नाम पर घर ढहाने का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले मालवा इलाके में पथराव के कई आरोपियों के घर ढहाये गये थे. प्रशासन का तर्क यही होता है कि घर अवैध था, हालांकि ये ज्ञान वारदात के बाद ही क्यों आता है? इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
1 लोकसभा और 3 विधानसभा उपचुनाव
मध्यप्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं. बुंदेलखंड में सागर संभाग के 6 जिलों में विधानसभा की 26 सीटें हैं. सबसे ज्यादा 8 विधानसभा सीटें सागर जिले में ही हैं. यहीं की पृथ्वीपुर सीट पर भी उपचुनाव है, जहां सामान्य और पिछड़ा वर्ग का दबदबा है. ये सीट कांग्रेस के पूर्व मंत्री बृजेन्द्र राठौर के निधन से खाली हुई है. ज़ाहिर सी बात है किसी भी वर्ग की नाराज़गी सत्ताधारी बीजेपी पर भारी पड़ सकती है.
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