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This Article is From Dec 12, 2020

मध्य प्रदेश : डेंटिस्ट को दिया सिविल सर्जन का प्रभार तो विरोध में सभी डॉक्टरों ने CM को भेजा इस्तीफा

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक सप्ताह के भीतर इस अस्पताल में बच्चों के एसएनसीयू, पीआईसीयू वार्ड में 18 नवजात बच्चों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था.

मध्य प्रदेश : डेंटिस्ट को दिया सिविल सर्जन का प्रभार तो विरोध में सभी डॉक्टरों ने CM को भेजा इस्तीफा
प्रतीकात्मक तस्वीर
भोपाल:

शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में हुई नवजात बच्चों की मौत के बाद सिविल सर्जन डाक्टर बीके बारिया को हटाने के बाद दांत के डॉक्टर (दंत रोग स्पेशलिस्ट) को सिविल सर्जन का प्रभार देने पर सभी डाक्टर विरोध में खड़े हो गए है और उन्होंने अपना सामूहिक इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा है. सभी सीनियर स्पेशलिस्ट, स्पेशलिस्ट डाक्टरों ने खुलेआम शासन को पत्र लिखकर दांत के डॉक्टर को सिविल सर्जन से हटाने की मांग की है.

डाक्टरो की मांग है कि शहडोल जिला अस्पताल 400 बेड का है और यहां सभी चिकित्सकीय विभाग संचालित है, साथ ही सीनियर स्पेशलिस्ट सर्जन, मेडिसिन स्पेशलिस्ट एक दंत चिकित्सक के अंडर में काम करने में असहज महसूस करेंगे.

पत्र में आगे लिखा है, 'नियमतः सिविल सर्जन का पद जिला चिकित्सालय के सीनियर स्पेशलिस्ट का होता है, जो दंत चिकित्सक नहीं है. ऐसी दशा में सभी डाक्टरो ने अपना विरोध दर्ज करते हुए सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है.'

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक सप्ताह के भीतर इस अस्पताल में बच्चों के एसएनसीयू, पीआईसीयू वार्ड में 18 नवजात बच्चों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. 8 दिसम्बर को प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर डाक्टर प्रभुराम चौधरी ने जिला अस्पताल का दौरा किया था और सिविल सर्जन और सीएमएचओ को हटा दिया था और शासन ने दंत रोग चिकित्सक को सिविल सर्जन बना दिया.

ऐसा लग रहा है कि सरकार बच्चों की मौत के बाद जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की कोशिश में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही, जिसके चलते डाक्टर में भी असन्तोष है.

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