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This Article is From Nov 25, 2020

मध्‍य प्रदेश: सारी कोशिशें बेकार, कोरोना के खिलाफ जंग हारे 'वॉरियर' डॉक्‍टर शुभम उपाध्‍याय

चिरायु अस्पताल के डॉ अजय गोयनका ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करने के वक्त ही उनके फेफड़े लगभग 96% संक्रमित थे. उन्हें फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए चेन्नई जाने की सलाह दी गई थी ताकि उन्हें बचाया जा सके.

मध्‍य प्रदेश: सारी कोशिशें बेकार, कोरोना के खिलाफ जंग हारे 'वॉरियर' डॉक्‍टर शुभम उपाध्‍याय
डॉक्‍टर शुभम के फेफड़े लगभग 96% संक्रमित हो गए थे (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भोपाल के चिरायु अस्‍पताल में दम तोड़ा
इलाज के दौरान हो गए थे कोरोना संक्रमित
इलाज के लिए चेन्‍नई जाना था लेकिन उसके पहले ही हुई मौत
भोपाल:

मध्य प्रदेश में एक और कोरोना योद्धा (Corona Warrier) की मौत हो गई है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्‍टर शुभम उपाध्याय (Dr. Shubham Upadhyay) ने इलाज के दौरान भोपाल के चिरायु अस्पताल में दम तोड़ दिया. शुभम पिछले 6 महीने से सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भर्ती करोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे, इसी दौरान वो भी संक्रमित हो गये थे. डॉ उपाध्याय ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से मार्च 2020 में डिग्री पूरी की और उन्हें सागर के कोविड सेंटर में ही पहली नियुक्ति मिली थी. 28 अक्टूबर को शुभम वायरस से संक्रमित हुए, कुछ दिनों तक उनका वहीं इलाज चला तबीयत बिगड़ने पर 10 नवंबर को उन्हें भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया था.

चिरायु अस्पताल के डॉ अजय गोयनका ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करने के वक्त ही उनके फेफड़े लगभग 96% संक्रमित थे. उन्हें फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए चेन्नई जाने की सलाह दी गई थी ताकि उन्हें बचाया जा सके. पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को डॉ.उपाध्याय के बारे में सूचित किया था जिन्होंने अधिकारियों को तुरंत उनके इलाज के लिए आवश्यक राशि मंजूर करने का निर्देश दिया था, लेकिन चेन्नई में आए तूफान की वजह से उन्हें एयरलिफ्ट कर फौरन वहां ले जाना संभव नहीं हुआ और डॉ. शुभम ने दम तोड़ दिया.

उनके सहयोगी डॉ उमेश पटेल ने कुछ दिनों पहले आरोप लगाया था कि अपनी ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बावजूद डॉ शुभम को महंगे इंजेक्शन, अपने खर्चे पर खरीदना पड़ा क्योंकि सरकार इसकी व्यवस्था नहीं करती, ऐसे में उनकी और उनके परिवार की जितनी भी जमा पूंजी थी सभी उन्होंने खर्च कर दी. उनके पिता ने भी कुछ दिनों पहले वीडियो जारी कर कहा था कि वो तृतीय श्रेणी के कर्मचारी हैं, इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते इसलिये अब सरकार उनकी मदद करे.

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