कोलकाता: पानी की किल्लत की वजह से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित फरक्का पावर प्लांट की ज्यादातर इकाइयों को बंद करना पड़ा है। फरक्का सहायक नहर में पानी का स्तर बेहद नीचे गिर जाने से नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) को इस पावर प्लांट की 5 इकाइयों को बंद करना पड़ा।
एक अधिकारी ने बताया कि बंद की गई पांचों इकाइयों की कुल क्षमता 1600 मेगावाट है और इनके बंद होने से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पूर्वी क्षेत्र में स्थित उद्योगों पर असर पड़ेगा।
एनटीपीसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अगले कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद नहीं है जब तक कि फरक्का बराज से नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता।
पानी का स्तर इस कदर गिरने को अप्रत्याशित करार देते हुए एनटीपीसी ने कहा, 'पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब एनटीपीसी को पानी की किल्लत की वजह से स्टेज 1 और स्टेज 2 की सभी इकाइयों को एक साथ बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है। पावर प्लांट में 2100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है और इस शटडाउन के बाद उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा।
अधिकारी ने बताया, '500 मेगावाट क्षमता की स्टेज 3 की छठी इकाई को किसी तरह चालू रखा गया है। 2100 मेगावाट के पावर प्लांट में पूरी क्षमता से उत्पादन के लिए प्रति घंटे 225000 क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत होती है और नहर में इसकी गहराई करीब 20 मीटर होनी चाहिए।