IPO लाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ LIC के सवा लाख कर्मचारी एक द‍िन की हड़ताल पर

केंद्र सरकार ने इंश्‍योरेंस कंपनियों में विदेश निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% करने का फैसला किया है.

IPO लाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ LIC के सवा लाख कर्मचारी एक द‍िन की हड़ताल पर

प्रतीकात्‍मक फोटो

खास बातें

  • एफडीआई की सीमा बढ़ाने का कर रहे विरोध
  • सरकार ने आईपीओ लाने का भी किया है फैसला
  • कर्मचारी बोले, इससे लोगों का LIC पर से भरोसा होगा कम
नई दिल्ली:

भारतीय जीवन बीमा निगम का IPO लाने और विदेशी निवेश बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ LIC  के करीब सवा लाख कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इंश्‍योरेंस कंपनियों में विदेश निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% करने का फैसला किया है. राज्‍य सभा में इस बारे में बिल लाया गया है. ऑल इंडिया इंश्‍योरेंस एम्‍पाइज एसोसिएशन के नेता वीपी अरोरा ने LIC स्‍ट्राइक को लेकर NDTV से बातचीत में कहा, 'हम LIC का IPO लाने के फैसले के खिलाफ हैं. हम इंश्‍योरेंस कंपनियों में FDI 49% से बढाकर 74% करने के सरकार के फ़ैसले के भी खिलाफ हैं. स्ट्राइक कर रहे भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों का कहना है कि LIC भारत के लोगों का विश्वास है और सरकार के इन फैसलों से लोगों का LIC पर विश्वास कम होगा.

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उधर LIC के कर्मचारियों के हड़ताल के दिन ही सरकार ने राज्यसभा में बीमा संशोधन विधेयक पेश कर दिया. बिल में इंश्‍योरेंस कंपनियों में FDI 49% से बढाकर 74% करने का प्रावधान है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि बिल पर नए सिरे से समीक्षा की ज़रूरत है और इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेज जाए. सरकार की तरफ से कोई आश्वासन न मिलने पर कांग्रेस सांसदों ने सदन में हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
कांग्रेसी सांसदों के विरोध और हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.

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इस बीच, भारतीय जीवन बीमा निगम को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को लोकसभा में साफ किया कि LIC का निजीकरण नहीं किया जा रहा है तथा बैंकों के संदर्भ में अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. उन्‍होंने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के प्रश्न के उत्तर में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का हमेशा यह प्रयास होता है कि जिन सार्वजनिक उपक्रमों को फिर से खड़ा किया जा सकता है, उसे किया जाए. सावंत के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में सूचना एवं प्रसारण तथा भारी उद्योग मंत्री जावड़ेकर ने कहा, ‘‘एलआईसी का निजीकरण नहीं हो रहा है. यह गलतफहमी है. जहां तक बैंकों का सवाल है जो उस बारे में अफवाहों पर विश्वास नहीं करें.''इससे पहले, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि एलआईसी का आईपीओ लाने का प्रस्ताव है तथा इस कदम से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी तथा एलआईसी एवं निवेशकों दोनों को फायदा होगा.(भाषा से भी इनपुट)