ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर लॉ कमिशन की कवायद अहम दौर में

ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर लॉ कमिशन की कवायद अहम दौर में

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर लॉ कमिशन की कवायद अहम दौर में पहुंच गई है. इसके लिए लॉ कमिशन जनता बीच जा रहा है.

लॉ कमिशन ने आम लोगों के लिए 16 सवालों की प्रश्नावली जारी की है. इन सवालों के जवाब 45 दिनों में देने हैं. इस प्रश्नावली में मुस्लिम के अलावा हिंदू और क्रिस्चिएन को लेकर भी सवाल किए गए हैं.

लॉ कमिशन ने जो 16 सवाल पूछे हैं उनमें मुख्य हैं -

1. ट्रिपल तलाक को
- रद्द कर दिया जाए
- प्रथा के रूप में बरकरार रहे, लेकिन कानून में मान्यता ना हो
- कुछ बदलाव करके बने रहने दिया जाए

2. बहुविवाह को
- बैन कर दिया जाए
- या नियंत्रित किया जाए
- बहुविवाह की तरह हिंदुओं में मैत्री करार को बैन किया जाए या नियंत्रित किया जाए
(मैत्री करार गुजरात में होता है जहां शादीशुदा व्यक्ति किसी महिला के साथ स्टांप पेपर पर दोस्ती का करार करता है और फिर उसे अपने घर ले आता है. हालांकि कानून द्वारा इसे बैन किया गया है लेकिन ये कहीं कहीं प्रथा के रूप में है.)

3. हिंदू महिलाओं के संपत्ति के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

4. तलाक के लिए क्रिश्चिएन महिलाओं को दो साल के इंतजार का समय क्या इन महिलाओं के समानता के अधिकार को प्रभावित करता है.

5. क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड या पर्सनल लॉ को कोडिफाइड करने से लैंगिक समानता सुनिश्चित हो सकती है?

6. अंतर्देशीय और अंतर धर्म शादियां करने वाले दंपती की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए.


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