Kisan Aandolan: कृषि कानून (Farm laws) के मुद्दे पर किसानों के आंदोलन को 'गति' देने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) देश के विभिन्न स्थानों पर जाकर किसान पंचायत कर रहे हैं. किसान आंदोलन का चेहरा बने राकेश टिकैत इस समय पूर्वी यूपी का दौरा कर रहे हैं. बलिया जाने के क्रम में वे बुधवार को वाराणसी पहुंचे. एयरपोर्ट पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया. इस मौके पर NDTV से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता टिकैत ने कहा कि किसानों के मुद्दे का हल राजनीति से नहीं, आंदोलन से निकलेगा.
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यह पूछने पर कि सरकार का कहना है कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रह गया, इसने राजनीतिक रूप ले लिया है, टिकैत ने दोटूक कहा-हमें तो यहां राजनीति वाला कोई नहीं मिला, सब किसान हैं. न ही राजनीति करने वालों का टैंट लगा मिला. इनका काम कहना है, कहते रहने दीजिए.उन्होंने कहा कि बलिया क्रांतिकारियों की धरती है. बलिया, बिहार से जुड़ा हुआ है. यही से 'करो या मरो' का नारा निकलेगा. टिकैत ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई भी 90 साल चली थी.
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एक अन्य प्रश्न के जवाब में टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन लंबा चलेगा. देश को आजादी में भी लंबा वक्त लगा था. गौरतलब है कि आंदोलनरत किसान, केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने दोटूक कहा है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. सरकार और किसानों के बीच अब तक 10 से अधिक राउंड की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई सर्वसम्मत हल नहीं निकल पाया है.
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