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This Article is From Jul 11, 2016

कश्मीर हिंसा : मृतकों की संख्या 23 हुई, NSA अजीत डोभाल ने कहा- हमें समाधान निकलने का पूरा भरोसा

कश्मीर हिंसा : मृतकों की संख्या 23 हुई, NSA अजीत डोभाल ने कहा- हमें समाधान निकलने का पूरा भरोसा
फाइल फोटो
श्रीनगर / नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में तीसरे दिन भी हिंसा और आगजनी जारी रही। हिंसा में मरने वालों की तादाद 23 पहुंच गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल हिंसा पर काबू पाने के प्रयासों में शामिल होने के लिए केन्या से स्वदेश रवाना हो गए।

शुक्रवार को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने को लेकर अलगाववादी प्रायोजित हड़ताल और कर्फ्यू जैसी पाबंदियों के चलते कश्मीर में सामान्य जनजीवन पंगु हो गया है। भीड़ ने सोपोर में एक पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया और कश्मीर में अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों के साथ पुलवामा में वायुसेना के हवाई अड्डे को निशाना बनाया। पथराव की घटनाओं में भी कमी नहीं आई है।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 800 अतिरिक्त जवानों को जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है। इससे पहले, शनिवार को 1,200 जवानों को राज्य पुलिस की मदद के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार को कुलगाम जिले में एक हिंसक घटना में दो लोगों की मौत हो गई। इनके साथ ही इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 23 पहुंच गई है, जिसमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। करीब 250 लोग घायल भी हुए हैं।

वायुसेना के हवाई अड्डे पर पथराव
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोमवार सुबह पुलवामा के कोइल में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने वायुसेना के हवाई अड्डे की तरफ पथराव किया। उन्होंने हवाई अड्डा परिसर के भीतर सूखी घास को भी आग लगा दी। सुरक्षाबलों ने भीड़ को भगाने का प्रयास किया, लेकिन हमलावर फिर से समूह बनाकर बीच-बीच में पथराव करते रहे। पथराव की घटनाएं सोपोर, हंदवारा, बंदीपुरा और बारामुला में दर्ज की गई।

पीएम मोदी ने अजीत डोभाल को केन्या से स्वदेश रवाना किया
प्रदर्शनकारियों ने सोपोर में एक फल मंडी स्थित पुलिस थाने में आग लगा दी। हालांकि वहां तैनात कर्मी, हथियार और दस्तावेज आग से बच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में तनाव की स्थिति को देखते हुए डोभाल को 24 घंटे पहले ही स्वदेश रवाना कर दिया। वह अधिकारियों से घाटी में घटनाक्रमों का नियमित जायजा ले रहे हैं। डोभाल मोदी के साथ उनकी चार देशों की यात्रा पर गए थे और उनका मंगलवार आने का कार्यक्रम था।

कश्मीर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'यदि समस्याएं हैं, तो उनके समाधान भी हैं। हमें समाधान निकलने का पूरा भरोसा है।' राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस पर विस्तार से चर्चा नहीं की, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने स्थिति के 72 घंटों के भीतर नियंत्रण में आने का भरोसा जताया।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'कश्मीर के लोग कानून का पालन करने वाले और आतंकवाद के खिलाफ हैं। वे शांति, समृद्धि और विकास में भरोसा करते हैं।' साथ ही सरकारी सूत्रों ने जोर दिया कि हथियार उठाकर नागरिकों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

राजनाथ ने सोनिया, उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित विपक्षी नेताओं से मुलाकात की और राज्य में मौजूदा स्थिति पर उनसे चर्चा की। उमर ने बाद में कहा कि उन्होंने केंद्र को बताया कि जब तक सुरक्षाबल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों को मारना बंद नहीं करते, घाटी में हिंसा नहीं रुकेगी।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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