यह ख़बर 02 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

करूणानिधि ने उठाए चुनाव तारीखों पर सवाल

खास बातें

  • उन्होंने पार्टी के मुखपत्र मुरासोली में लिखा है कि चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को और वक्त दिया जाना चाहिए था।
चेन्नई:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने राज्य में चुनाव कराए जाने की जल्दबाजी में की गई घोषणा पर चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि मतदान की तिथियों के बारे में राज्य से परामर्श नहीं किया गया। करूणानिधि ने कहा कि वह चुनाव आयोग के इस कदम के पीछे रहे मूल कारण को जानना चाहते हैं। तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के एक दिन बाद द्रमुक प्रमुख ने कहा कि हर कोई यह उम्मीद कर रहा था कि यहां चुनाव अप्रैल के अंतिम सप्ताह में या मई के प्रथम सप्ताह में होंगे। उन्होंने पार्टी के मुखपत्र मुरासोली में लिखा है कि चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को और वक्त दिया जाना चाहिए था तथा अप्रैल के आखिरी सप्ताह में या मई के प्रथम सप्ताह में चुनाव कराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मतदान 13 अप्रैल को होंगे और मतगणना एक महीने के अंतराल के बाद 13 मई को होगी। करूणानिधि ने कहा कि नये मंत्रिमंडल का गठन 17 मई को होना है और यह अवधि इस प्रक्रिया के पूरी होने के लिए बहुत छोटी है। उन्होंने कहा कि चुनाव का पूरा नतीजा 14 मई को ही आ पाएगा और राजनीतिक दलों के पास सिर्फ मंत्रिमंडल गठन के लिए सिर्फ दो दिनों का वक्त बचेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों के पास सिर्फ 17 दिनों का वक्त है।


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