सत्ता में बने रहने के लिये जरूरी आंकड़ों को लेकर जहां कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन उलझन में है, वहीं भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि उन्हें अगले चार-पांच दिन में सरकार बनाने का पूरा भरोसा है. येदियुरप्पा का दावा ऐसे वक्त आया है जब विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा दिये गए विश्वास मत के प्रस्ताव पर 18 जुलाई को चर्चा का वक्त दिया है. बता दें, कुमारस्वामी की सरकार 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद गिरने के कगार पर है.
येदियुरप्पा ने मीडिया से कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि अगले तीन-चार दिन में भाजपा सरकार अस्तित्व में आ जाएगी. भाजपा कर्नाटक में श्रेष्ठ प्रशासन देगी.' येदियुरप्पा ने दावा किया कि कुमार स्वामी गठबंधन सरकार को बचाने में नाकाम रहेंगे. पिछले साल ऐसी ही परिस्थितियों में इस्तीफा देने वाले येदियुरप्पा ने कहा, 'कुमारस्वामी मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रह पाएंगे. वह भी जानते हैं. मुझे लगता है कि वह एक अच्छे भाषण के बाद इस्तीफा दे देंगे.'
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कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें हासिल कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी भाजपा की तरफ से विश्वास मत के दौरान जरूरी आंकड़े नहीं जुटा पाने के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अगर 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो गठबंधन का आंकड़ा मौजूदा 116 से घटकर 100 रह जाएगा.
बता दें, कर्नाटक की कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार 18 जुलाई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी. सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद संकट का सामना कर रही एच डी कुमारस्वामी सरकार के बागी विधायकों को वापस अपने खेमे में लाने के प्रयासों के बीच विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि कुमारस्वामी की ओर से लाये गए विश्वासमत के प्रस्ताव पर 18 जुलाई को सदन में विचार किया जाएगा.
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कुमार ने विधानसभा में बताया कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तारीख तय की गयी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता कुमारस्वामी की ओर से लाए गए विश्वास मत के प्रस्ताव पर दोपहर 11 बजे से सदन में विचार किया जाएगा. भाजपा ने कहा कि गठबंधन के 16 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे देने के बाद सरकार ‘अल्पमत' में है और इसलिए विश्वास मत तक सदन की कार्यवाही चलने का विरोध किया गया.
कुमारस्वामी ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी सरकार इस संकट से बाहर निकल जायेगी. उन्होंने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है... आप चिंता क्यों करते हैं.' कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों ने कहा कि बागी विधायकों को मनाने के अपने प्रयासों के लिए उन्हें और समय मिल गया है. अध्यक्ष और सरकार पर दबाव बनाये रखने के लिए भाजपा ने 13 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की. इसके लिए जे सी मधु स्वामी, के जी बोपैया और सी एम उदासी ने एक नोटिस भेजा लेकिन बाद में वे विश्वास मत के लिए सहमत हो गये.
(इनपुट- एजेंसियां)
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