यह ख़बर 29 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भूमि घोटाले में कर्नाटक के मंत्री जांच के घेरे में

खास बातें

  • आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश करने से पूर्व पुलिस ने राज्य के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की।
बेंगलुरू:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश करने से पूर्व शनिवार को पुलिस ने राज्य के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की। निरानी सत्तारूढ़ भाजपा के उन दागी नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी हैं। पुलिस निरानी पर लगे रिश्वतखोरी तथा बेंगलुरू में और आस-पास के इलाकों में बड़े भूखंडों से जुड़े घोटाले में संलिप्तता के आरोप की जांच कर रही है। निरानी पर आरोप है कि उन्होंने बेंगलुरू के नजदीक की कुछ जमीन को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया और इन जमीनों पर मूल मालिकों का स्वामित्व बहाल कर दिया। ये भू-स्वामी अपनी जमीन बिल्डरों एवं अन्य लोगों के हाथों बेच रहे हैं। जमीन पर मालिकाना हक मिलने के एवज में उन्होंने उद्योग मंत्री तथा उनके परिवार को रिश्वत की बड़ी रकम दी है। लोकायुक्त के एक प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लोकायुक्त से सम्बद्ध पुलिस ने प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर निरानी के खिलाफ जांच की औपचारिक शुरुआत की।   प्रवक्ता ने कहा कि एफआईआर में निरानी, उनके भाई एचआर निरानी और सात अन्य के नाम शामिल हैं। यह जांच लोकायुक्त की विशेष अदालत के न्यायाधीश एनके सुधींद्र राव द्वारा 24 अक्टूबर को जारी निर्देश पर शुरू की गई है। एक बिल्डर आलम पाशा ने इस सम्बंध में याचिका दायर की थी। राव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हैं। वह भ्रष्टाचार के मामलों के तेजी से निपटारे के लिए गठित लोकायुक्त की विशेष अदालत के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हैं। राव ने जांच पूरी करने के लिए 16 नवम्बर तक का समय दिया है। एफआईआर भाजपा नेता आडवाणी की जन चेतना यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश से एक दिन पूर्व दर्ज कराई गई। आलम पाशा ने आरोप लगाया है कि निरानी ने आर्थिक लाभ के लिए बेंगलुरू के बाहरी इलाके की कुछ जमीन को गैर-अधिसूचित घोषित कर उसे आधिकारिक नियंत्रण से मुक्त कर दिया था।  निरानी देवनाहल्ली के निकट 20 एकड़ और डोब्बासपेत में सात एकड़ जमीन को गैर-अधिसूचित घोषित किया था। यह जमीन पहले सरकार द्वारा संचालित कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएबीडी) के कब्जे में थी। उल्लेखनीय है कि देवनहल्ली में हाल ही में नया अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा बन जाने से यहां की जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है। डोब्बासपेत पुराना औद्योगिक क्षेत्र है। अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण यहां की जमीन की कीमत भी बढ़ने लगी है।


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