जस्टिस सीएस कर्णन (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस कर्णन की पैरवी कर रहे वकीलों ने गुरुवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से छह महीने की सजा सुनाए जाने के आदेश को निलंबित करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के समक्ष एक प्रतिवेदन दिया गया है.
बहरहाल, राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि ‘वह ऐसे किसी प्रतिवेदन से अवगत नहीं है.’ वकीलों ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत न्यायमूर्ति कर्णन की तरफ से ज्ञापन..प्रतिवेदन ईमेल के जरिए भेजा गया है जिसमें उनको सुनाई गई छह महीने की सजा के निलंबन या उस इस पर रोक लगाने की मांग की गई है.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने अदालती अवमानना के मामले में न्यायमूर्ति कर्णन को सजा सुनाई है.
न्यायमूर्ति कर्णन ने सर्वोच्च अदालत में भी एक याचिका दायर कर मांग की थी कि नौ मई के आदेश को वापस लिया जाए, लेकिन प्रधान न्यायाधीश ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया था.
(इनपुट भाषा से)
बहरहाल, राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि ‘वह ऐसे किसी प्रतिवेदन से अवगत नहीं है.’ वकीलों ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत न्यायमूर्ति कर्णन की तरफ से ज्ञापन..प्रतिवेदन ईमेल के जरिए भेजा गया है जिसमें उनको सुनाई गई छह महीने की सजा के निलंबन या उस इस पर रोक लगाने की मांग की गई है.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने अदालती अवमानना के मामले में न्यायमूर्ति कर्णन को सजा सुनाई है.
न्यायमूर्ति कर्णन ने सर्वोच्च अदालत में भी एक याचिका दायर कर मांग की थी कि नौ मई के आदेश को वापस लिया जाए, लेकिन प्रधान न्यायाधीश ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया था.
(इनपुट भाषा से)
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