जेएनयू कैंपस में बाबरी मस्जिद पुर्ननिर्माण (Babri Masjid Reconstruction) को लेकर नारेबाजी का मामला गरमा गया है. दिल्ली पुलिस को इस मामले में शिकायत मिली है. JNU कैंपस में छात्र संघ की ओर से बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर आयोजित विरोध मार्च को लेकर वकील विनीत जिंदल ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी है. यह नारेबाजी छह दिसंबर को की गई थी. शिकायत में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण का रास्ता साफ हुआ.
अब जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) की ओर से ऐसा किया जाना मुस्लिम समुदाय को मंदिर निर्माण के खिलाफ भड़काने वाला और हिंदू भावनाओं को आहत करना है. लिहाज़ा छात्र संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह और सामाजिक वैमनस्य फैलाने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
जानकारी के अनुसार, जेएनयू छात्र संघ की ओर से 6 दिसंबर की रात एक विरोध मार्च निकाला गया. इस दौरान छात्रसंघ के कार्यकर्ता और वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग की. स्टूडेंट यूनियन कार्यकर्ताओं की ओर से “नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ बाबरी” जैसे नारे लगाए गए, बाबरी विध्वंस की घटना के 29 साल बाद जेएनयू कैंपस में छात्र संघ ने इस घटना के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला, जिसमें कहा गया की बाबरी मस्जिद दोबारा से बननी चाहिए.
विरोध प्रदर्शन का आह्वान जेएनयू छात्र संघ द्वारा सोमवार रात को दी गई थी. जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर काफी संख्या में वामपंथी छात्र जमा हुए और मार्च निकालते हुए चंद्रभागा हॉस्टल पहुंचे. जेएनयू छात्र संघ के नेताओं ने अपने भाषण के दौरान कहा कि बाबरी मस्जिद दोबारा बनाकर उसे इंसाफ लिया जाएगा.
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