विज्ञापन
This Article is From Aug 31, 2021

जामताड़ा बना साइबर ठगी का हब, मास्टरमाइंड रॉकस्टार समेत 14 अरेस्ट, इनके ठाठ-बाट देख चौंक जाएंगे

साइबर ठगी से जुड़ी इस गैंग का मास्टमाइंड भी पकड़ा गया है, जिसका जामताड़ा इलाके में करोड़ों का घर और महंगी गाड़ियां हैं. इस गैंग के लोग यूपीआई पेमेंट करने के नाम पर ठगी, केवाईसी अपग्रेड करने के नाम पर या फिर अलग-अलग बैंक के फर्जी ऐप और साइट्स बनाकर ठगी करते हैं.

जामताड़ा बना साइबर ठगी का हब, मास्टरमाइंड रॉकस्टार समेत 14 अरेस्ट, इनके ठाठ-बाट देख चौंक जाएंगे
कभी पक्का घर भी नहीं हो रहा था नसीब, लोगों को लूटकर बना रहे कोठियां बना रहे हैं जामताड़ा के साइबर ठग
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने झारखंड (Jharkhand) के जामताड़ा से 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. जामताड़ा साइबर ठगी (Jamtara Cyber Crime Hub) का सबसे बड़ा हब है. गिरफ्तार लोगों में हाइप्रोफाइल साइबर ठग गुलाम अंसारी और अल्ताफ उर्फ रॉकस्टार शामिल हैं. इससे साइबर ठगी के 36 केस सुलझने का दावा किया जा रहा है. पुलिस ने इनसे 2 करोड़ की संपत्ति और 20 लाख की SUV भी जब्त की है. बताया जा रहा है कि साइबर ठगी में लिप्त ये लोग जंगलों में बैठकर लोगों को ठगते हैं. सब हैरान हैं कि शहर में बैठे पढ़े-लिखे लोगों को आखिर चूना कैसे लगाते हैं. यहां से दिल्ली और यूपी से लेकर अंडमान निकोबार तक लोगों को निशाना बनाया जा चुका है.ऐसी जगहों के लिए कर्मातार और नारायणपुर जैसे एरिया काफी बदनाम है. वहां अब झोपड़ियों के साथ बड़े- बड़े बंगले और गाड़ियां भी दिखने लगे हैं.इस गैंग का मास्टमाइंड भी पकड़ा गया है, जिसका जामताड़ा इलाके में करोड़ों का घर और महंगी गाड़ियां हैं.

इस गैंग का मास्टरमाइंड अल्ताफ है, उसे रॉकस्टार भी कहा जाता है, क्योंकि उसे साइबर ठगी में महारथ हासिल है. अल्ताफ की गैंग में दर्जनों लोग हैं और हर किसी का अलग-अलग काम है. डीसीपी साइबर सेल अनियेश रॉय के मुताबिक-ऑपरेशन साइबर प्रहार के तहत इस बार उनकी टीम ने झारखंड के जामताड़ा को निशाने पर लिया, जो साइबर ठगी का हब है और इस इलाके में  बैठकर साइबर ठग पूरे देश के लोगों के साथ ठगी करते हैं. इसी आपरेशन के तहत पुलिस की एक टीम जामताड़ा इलाके में करीब एक हफ्ते तक रही और 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

इस गैंग के लोग यूपीआई पेमेंट करने के नाम पर ठगी, केवाईसी अपग्रेड करने के नाम पर या फिर अलग-अलग बैंक के फर्जी ऐप और साइट्स बनाकर ठगी करते हैं. ऐप या बैंक के फर्जी लिंक भी भेजते हैं और फिर ऑनलाइन ठगी कर लेते हैं.ये लोग करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. इस रैकेट के पकड़े जाने से नौ राज्यों में साइबर ठगी के 36 केस सुलझे हैं, जिसमें 1.2 करोड़ रुपये ठगे गए हैं. 

इस गैंग का एक मैम्बर हर रोज कम से कम 40 लोगों को कॉल करता था, जिसमें चार से पांच लोग फंस जाते थे. इसके अलावा इन चौदह लोगों में एक आरोपी मास्टर जी उर्फ गुलाम अंसारी हैं, जो फर्जी वेबसाइट बनाने में माहिर था. वह इन वेबसाइट्स को गूगल ऐड के जरिए पुश करता था. अल्ताफ इस काम के लिए हर रोज मास्टर जी को 40-50 हज़ार रुपये देता था.

इस गैंग के लोग पुलिस से बचने के लिए छोटे-छोटे मॉड्यूल में काम कर रहे थे. ये लोग गाजियाबाद के लोनी,कलकत्ता और लखनऊ से भी काम कर रहे थे. पुलिस ने इनके 400 फोन भी ब्लॉक करवा दिए हैं. गिरफ्तारी के वक्त अल्ताफ कार में बैठकर बंगाल भागने की कोशिश कर रहा था. पुलिस ने 100 किलोमीटर तक पीछा कर उसे पकड़ा. ठगी के पैसे से अल्ताफ ने जामताड़ा में 2 करोड़ रुपये कीमत का घर और लाखों रुपये की गाड़ियां खरीदी हैं, जो पुलिस ने जब्त कर ली हैं.

सवाल ये भी है कि इन युवकों को आखिर मदद कहां से मिल रही है. कल तक झोपड़ी में रहने वाले अचानक बंगलों में रहने लगे तो प्रशासन जांच करके जल्द से जल्द ऐसे लोगों को गिरफ्तारी सुनिश्चित क्यों नहीं करता. कई बार ऐसे मामलों में पुलिस की मिलीभगत होने के आरोप भी लगते रहते हैं, लेकिन वो लोग क्या करें जो अपनी मेहनत का पैसा बैंकों में रखते हैं ताकि वहां सुरक्षित रहे, लेकिन वो भी ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए उनके खाते से गायब हो जाता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com