झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और निर्दलीय विधायक सरयू रॉय के बीच कोविड प्रोत्साहन योजना में धन की हेराफेरी के आरोप को लेकर चल रहे विवाद ने कानूनी मोड़ ले लिया है. बन्ना गुप्ता ने रॉय को कानूनी नोटिस भेजा है और उसने तीन दिनों के भीतर बिना शर्त मांफी मागने को कहा है. 13 अप्रैल को, रॉय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और उनपर आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री के सेल में 60 व्यक्तियों के लिए वेतन लिया है. जिसमें स्वयं, उनके निजी सहायक भी शामिल थे.
वहीं अब कानूनी नोटिस में, गुप्ता ने आरोप को "झूठा और निराधार" कहा है और बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग की है. इसके जवाब में रॉय ने बयान जारी कर कहा है कि नोटिस का जवाब देने लायक नहीं है. रॉय ने कहा, " मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने दें."
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इससे पहले, धन की हेराफेरी के आरोपों का जवाब देते हुए, गुप्ता ने कहा था कि रॉय के आरोप निराधार और तथ्य से परे हैं. रॉय ने मुझ पर अवैध रूप से करोड़ों रुपये निकालने का आरोप लगाया है. जो निराधार है. प्रोत्साहन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया था और मेरे मंत्रालय के सेल के लिए अनुमानित व्यय 14.59 लाख रुपये था. अभी तक, किसी भी खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई है. यदि रॉय के पास सबूत हैं, उन्हें इस बात का जिक्र करना चाहिए कि पैसा किस बैंक खाते से ट्रांसफर किया गया है. मैं रॉय से अपने आरोप के समर्थन में सबूत पेश करने का अनुरोध करता हूं.'
गुप्ता ने कहा, "मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और सार्वजनिक जीवन रखना मेरा कर्तव्य है. मैंने नैतिक आधार पर प्रोत्साहन राशि को रद्द करने और इसे सबसे ज्यादा जरूरत वाले लोगों में वितरित करने का फैसला किया है."
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