- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार की आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन को तीन लाख मासिक वेतन के साथ नौकरी का ऑफर दिया
- जदयू नेता सरयू रॉय ने कहा कि किसी सरकारी अधिकारी या मंत्री को नियमों के खिलाफ नियुक्ति का अधिकार नहीं होता है
- जदयू नेताओं ने इरफान अंसारी के बयान को झूठा और बिना आधार का बताते हुए माफी की मांग की है
बिहार की आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने तीन लाख मासिक वेतन और अन्य सुविधाओं के साथ अपने राज्य में नौकरी का ऑफर दिया है. इसको लेकर जदयू ने मंत्री पर निशाना साधा है और उन पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया है. जेडीयू नेता सरयू रॉय ने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी, मंत्री या सचिव को नियमों से हटकर किसी को पद पर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है.
दुमका में सरयू रॉय ने कहा, "...ज्यादा से ज्यादा वे एक डॉक्टर को नियुक्त कर सकते हैं और उसे 30 हजार रुपये तक का वेतन दे सकते हैं. इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. मुझे लगता है कि जिस महिला के साथ यह घटना घटी है, वह भी यह समझ गई है और अपने काम पर लौट गई है."
#WATCH | Dumka, Jharkhand: On Jharkhand Health Minister Irfan Ansari's statement, JD(U) leader Saryu Roy says, "...At most, they can hire a doctor and give a salary up to Rs 30 thousand... There's an attempt to give it a political dimension. I think the woman with whom this… https://t.co/kkpFUKTiHM pic.twitter.com/70bGoYQCTQ
— ANI (@ANI) December 20, 2025
उन्होंने कहा कि इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. किसी भी सरकारी अधिकारी, मंत्री या सचिव को नियमों से हटकर किसी को पद पर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. जो लोग ऐसी बातें कह रहे हैं, वे तथ्यों के आधार पर नहीं बोल रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि इरफान अंसारी ने तो यहां तक कह दिया कि तीन लाख रुपये प्रति महीने वेतन देंगे. झारखंड सरकार आयुष डॉक्टरों को मात्र 40 हजार मासिक वेतन देती है. आयुष चिकित्सकों को कॉन्ट्रैक्ट पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के रूप में 25 हजार दिए जाते हैं. उनको ऐसा बोलने का अधिकार किसने दिया?
जदयू नेता ने झारखंड के मंत्री के झूठ बोलने को पैगंबर की इच्छा का अपमान करार देते हुए माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हिम्मत है तो वे झारखंड के स्वास्थ्य विभाग का रूल रेगुलेशन जारी करें.

उन्होंने आगे लिखा, "डॉ. नुसरत प्रवीण को झारखंड में प्रतिमाह तीन लाख मासिक वेतन, सरकारी नौकरी, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी फ्लैट, पूर्ण सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिला. यह नियुक्ति नहीं, सम्मान की जीत है. जहां अपमान था, वहां झारखंड ने इंसानियत की मिसाल पेश की."
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