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This Article is From May 20, 2016

जाट आंदोलन के दौरान हिंसा पर हरियाणा सरकार की कार्रवाई, तीन SDM, 10 डीएसपी सस्‍पेंड

जाट आंदोलन के दौरान हिंसा पर हरियाणा सरकार की कार्रवाई, तीन SDM, 10 डीएसपी सस्‍पेंड
जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा में आंदोलनकारियों ने जमकर उपद्रव मचाया था। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़: इस साल फरवरी में हरियाणा के कई शहरों में जाट आरक्षण आंदोलन के नाम पर बहुत हिंसा हुई। रोहतक, सोनीपत, जींद, झज्जर- तमाम शहर जैसे जलते रहे। महिलाओं से बदसलूकी तक की ख़बर आई। तब राज्य का पुलिस-प्रशासन बिल्कुल नाकाम दिखा, लेकिन अब उस पर कार्रवाई शुरू हुई है। ये कार्रवाई प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर शुरू हुई है। तो आज इस रिपोर्ट से जु़ड़ी दस बातें...

1. हरियाणा में 3 एसडीएम निलंबित कर दिए गए हैं। इसके अलावा 10 डीएसपी भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। पिछले दिनों हरियाणा में जाट आरक्षण के दौरान हुई हिंसा रोकने में नाकाम रहने की वजह से इन पर कार्रवाई हुई है।

2. दरअसल ये कार्रवाई प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हुई है। हरियाणा सरकार ने उस हिंसा के बाद ये कमेटी बिठाई थी। प्रकाश सिंह यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी हैं और पुलिस सुधारों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर हैं।

3. वैसे इस रिपोर्ट पर पूरी कार्रवाई हुई तो कुल 90 अफ़सर नपेंगे, क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक 90 अफ़सर अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे। इनमें से एक-तिहाई अफ़सर रोहतक के हैं। प्रकाश सिंह कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि कई जगह पुलिस-प्रशासन ने दंगाइयों को खुली छूट दी।

4. अभी जो कार्रवाई हुई है वो सिर्फ राज्य लोकसेवा आयोग के अफसरों पर हुई है, लेकिन रिपोर्ट में कुछ आईएएस और आईपीएस अफ़सरों की भी शिनाख्त की गई है। यानी क़ायदे से इन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

5. हालांकि कमेटी ने अपनी ओर से किसी कार्रवाई की सिफ़ारिश नहीं की थी, बस दोषियों की शिनाख़्त करके छोड़ दिया था। कार्रवाई का जिम्मा सरकार पर छोड़ा गया था।

6. प्रकाश सिंह कमेटी ने बहुत विस्तार में रिपोर्ट दी है। कुल रिपोर्ट 414 पन्नों की है। इसके अलावा 37 पन्नों की एक गोपनीय रिपोर्ट भी है। रिपोर्ट के पहले कमेटी ने क़रीब 150 वीडियो देखे। सवा दो हज़ार चश्मदीदों से बात की। 396 लोगों के बयान दर्ज किए और सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसी तक से पूछताछ की।

7. फरवरी के तीसरे हफ़्ते में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा के कई शहरों में जमकर आगजनी और लूटपाट चली। रोहतक, सोनीपत, हिसार, झज्जर सहित कई इलाक़ों में दंगाइयों ने तोड़फोड़ की और बाहर से आए सैलानियों के साथ बदसलूकी की। माना गया कि इस हिंसा की वजह से हरियाणा को 30,000 करोड़ रुपयों का नुक़सान हुआ।

8. इस दौरान मुरथल में कई महिलाओं के साथ बदसलूकी की बहुत गंभीर शिकायतें आईं। हालांकि पहले पुलिस ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया। बाद में भी इसकी ठीक से तस्दीक नहीं हो पाई, लेकिन लगातार मिल रही शिकायतें देखते हुए मुरथल की जांच के लिए अलग से एक एसआईटी बिठाई गई।

9. प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में इसलिए मुरथल की जांच शामिल नहीं है, लेकिन बाकी मामले भी बेहद संगीन हैं और राज्य सरकार के सामने इस रिपोर्ट पर अमल की चुनौती है।

10. हरियाणा सरकार की ताज़ा कार्रवाई के बाद ये मांग तेज हो गई है कि सरकार प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। कांग्रेस ने कहा है कि कार्रवाई के बहाने चुन-चुन कर बेगुनाह अफ़सरों को निशाना न बनाया जाए। इसके अलावा हिंसा में मारे गए लोगों के मुआवज़े का सवाल भी खड़ा हो रहा है।

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