यह ख़बर 13 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में बचाव अभियान जोरों पर, 1,42,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाते सैन्यकर्मी

श्रीनगर / जम्मू:

बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में राहत और बचाव का काम जारी है। श्रीनगर के बटमालू में धीरे-धीरे पानी कम होने लगा है। ऐसे में लोग अपनी दुकानें खोलकर नुकसान का जायजा ले रहे हैं। हालांकि मध्य श्रीनगर में अब भी पानी जमा है। यह श्रीनगर का वह इलाका है, जहां पुलिस कंट्रोल रूम और नए सचिवालय जैसे अहम सरकारी दफ्तर हैं।

किसी भी शहर में सेना का कैंटोनमेंट इलाका आमतौर पर बेहद सुरक्षित माना जाता है, लेकिन श्रीनगर के बादामी बाग इलाके में भी छह से आठ फीट तक पानी भरा है। तकरीबन 3,000 बाढ़ पीड़ितों ने श्रीनगर के एक बड़े गुरुद्वारे में शरण ले रखी है।  यहां पर अलग−अलग इलाकों से लोग पहुंच रहे हैं। सबके लिए ठहरने और और मुफ्त खाने-पीने का इंतजाम किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित हिस्सों से 1,42,000 लोगों को बचाकर निकाला गया है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सशस्त्रबलों एवं एनडीआरएफ ने वर्तमान बचाव एवं राहत अभियान के तहत अब तक जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से 1,42,000 लोगों को बचाकर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि 13 टन जलशुद्धिकरण गोलियां तथा प्रतिदिन 1.2 लाख बोतलें भरने में सक्षम छह जल संयंत्र पहले ही श्रीनगर पहुंच चुके हैं।

उन्होंने बताया कि विशाखापत्तनम से पानी खींचने वाले पंप और अन्य उपकरण भी राहत कार्य के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं, तथा दिल्ली से 12 सीवेज पंप भी घाटी के लिए भेजे गए हैं। प्रवक्ता के अनुसार संचार नेटवर्क बहाल करने के लिए दूरसंचार विभाग, सेना, बीएसएनएल और अन्य निजी कंपनियों के संचार उपकरण भी भेजे गए हैं। राहत शिविरों और फील्ड अस्पतालों के लिए पानी की सतत आपूर्ति के वास्ते 3 से पांच केवीए के 30 जेनरेटर सेट भी भेजे गए हैं।

(इनपुट भाषा से भी)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com