फाइल फोटो...
जैसलमेर:
जैसलमेर जिले के डांडेवाला क्षेत्र में गैस के एक कुएं से पिछले पंद्रह दिनों से हो रहे गैस रिसाव को ऑयल इंडिया, ओएनजीसी के विशेषज्ञ तमाम प्रयासों के बावजूद रोक नहीं पाए और अब तय किया गया है कि इस 'वैल को किल' कर दिया जाए, यानि गैस निकलने के रास्ते को ही स्थाई तौर पर रोक दिया जाए।
ऑयल इंडिया के परियोजना प्रमुख (प्रोजेक्ट हैड) एन आर डेका ने बताया कि इस एरिया से प्रतिदिन 9 हजार क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है। उससे रामगढ़ थर्मल पावर प्लांट के लिए गैस की आपूर्ति में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार, अनुपयोगी गैस कुओं को बंद करने के दो ही तरीके हैं। पहला, यदि गैस की मात्रा कम है तो वहां आग लगा कर छोड़ दी जाती है ताकि एक-दो साल में गैस खत्म हो जाए और पर्यावरण में नहीं फैले। दूसरा तरीका है कि रिसाव वाले स्थान को सीमेंट युक्त रसायन से हमेशा के लिए सील कर दिया जाए।
उन्होंने बताया कि केयर्न इंडिया गुड़ामालानी एरिया में करीब पांच माह पहले गैस का कुआं खोद रही थी। तभी अचानक गैस का रिसाव होने लगा। अवसादी चट्टानों में फंसी कुछ गैस निकल रही थी, यह प्रोडक्शन लेवल पर नहीं थी इसलिए केयर्न ने सीमेंट युक्त रसायन डालकर इस कुएं को बंद कर दिया था। गैस रिसाव को रोकने की पूरी कोशिश चल रही है, लेकिन अब इस कुएं को बंद करने का फैसला किया गया है ताकि भविष्य में भी रिसाव ना हो पाए।
जैसलमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि यह तकनीकी समस्या है, अत: इसे तकनीकी रूप से ही हल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरा क्षेत्र सुरक्षित है, आबादी भी नहीं है इसलिए खतरे की बात नहीं है।
ऑयल इंडिया के परियोजना प्रमुख (प्रोजेक्ट हैड) एन आर डेका ने बताया कि इस एरिया से प्रतिदिन 9 हजार क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है। उससे रामगढ़ थर्मल पावर प्लांट के लिए गैस की आपूर्ति में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार, अनुपयोगी गैस कुओं को बंद करने के दो ही तरीके हैं। पहला, यदि गैस की मात्रा कम है तो वहां आग लगा कर छोड़ दी जाती है ताकि एक-दो साल में गैस खत्म हो जाए और पर्यावरण में नहीं फैले। दूसरा तरीका है कि रिसाव वाले स्थान को सीमेंट युक्त रसायन से हमेशा के लिए सील कर दिया जाए।
उन्होंने बताया कि केयर्न इंडिया गुड़ामालानी एरिया में करीब पांच माह पहले गैस का कुआं खोद रही थी। तभी अचानक गैस का रिसाव होने लगा। अवसादी चट्टानों में फंसी कुछ गैस निकल रही थी, यह प्रोडक्शन लेवल पर नहीं थी इसलिए केयर्न ने सीमेंट युक्त रसायन डालकर इस कुएं को बंद कर दिया था। गैस रिसाव को रोकने की पूरी कोशिश चल रही है, लेकिन अब इस कुएं को बंद करने का फैसला किया गया है ताकि भविष्य में भी रिसाव ना हो पाए।
जैसलमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि यह तकनीकी समस्या है, अत: इसे तकनीकी रूप से ही हल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरा क्षेत्र सुरक्षित है, आबादी भी नहीं है इसलिए खतरे की बात नहीं है।
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