नई दिल्ली:
गणतंत्र दिवस 2018 परेड के मौके पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के दस्ते को अर्धसैनिक बलों और सहयोगी बलों की श्रेणी में बेस्ट मार्चिंग दल के रूप में नामित किया गया है. आईटीबीपी के 148 सदस्यों के हिमवीरों के इस दस्ते की कमान सहायक सेनानी अक्षय देशमुख ने संभाली थी जो इस बार दो साल के अंतराल के बाद राजपथ पर दिखा. इस दस्ते में आईटीबीपी के लगभग सभी फील्ड यूनिट्स के जवान शामिल थे. आईटीबीपी ने छठी बार बेस्ट मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी जीती है. इस वर्ष से पूर्व बल को वर्ष 1998, 1999, 2000, 2004 तथा 2011 में यह उपलब्धि प्राप्त हो चुकी है.
चीफ ड्रिल इंस्ट्रक्टर उप सेनानी नीलेंद्र कुमार ने अपने लगभग एक दर्जन सहयोगी प्रशिक्षकों की मदद से इस दल को प्रशिक्षित किया. दो महीने तक प्रतिदिन 12 से 14 घंटे तक के लगातार अभ्यास ने दल को प्रखर बनाया. 19 किलोमीटर तक के रोजाना रूट मार्च और विशेष ध्यान, योग और ड्रिल पीटी के माध्यम से दल को विशेष उर्जा मिली. समानुपातिक खुराक और तरल पदार्थों के सेवन को भी नियमित बनाया गया और सभी को बेहतरीन प्रदर्शन करने को प्रेरित किया गया.
चीफ ड्रिल इंस्ट्रक्टर उप सेनानी नीलेंद्र कुमार ने अपने लगभग एक दर्जन सहयोगी प्रशिक्षकों की मदद से इस दल को प्रशिक्षित किया. दो महीने तक प्रतिदिन 12 से 14 घंटे तक के लगातार अभ्यास ने दल को प्रखर बनाया. 19 किलोमीटर तक के रोजाना रूट मार्च और विशेष ध्यान, योग और ड्रिल पीटी के माध्यम से दल को विशेष उर्जा मिली. समानुपातिक खुराक और तरल पदार्थों के सेवन को भी नियमित बनाया गया और सभी को बेहतरीन प्रदर्शन करने को प्रेरित किया गया.