सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों में आई 43 फीसद की गिरावट, सरकार ने दी जानकारी

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार हुआ है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों में आई 43 फीसद की गिरावट, सरकार ने दी जानकारी

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पर घुसपैठ के मामलों में 43 प्रतिशत की कमी आई है.

खास बातें

  • सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ में कमी
  • घुसपैठ के मामलों में आई 43 प्रतिशत गिरावट
  • सरकार ने एक सवाल के जवाब में दी जानकारी
नई दिल्ली :

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार हुआ है और पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पर घुसपैठ के मामलों में 43 प्रतिशत की कमी आई है. राय ने जम्मू कश्मीर में सीमापार से घुसपैठ के संबंध में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों से इस साल की पहली छमाही में 2018 की इसी अवधि की तुलना में राज्य में सुरक्षा हालात में सुधार हुआ है.' गृह राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीमापार से आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रखी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर सीमापार घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी उपाय किये हैं. 

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इन उपायों में अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बहुस्तरीय तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाना तथा खुफिया और परिचालन समन्वय में सुधार शामिल है. आपको बता दें कि बीते  26 फरवरी को कई हवाई ठिकानों से उड़ान भरते हुए 12 मिराज ने पाकिस्तानी एयर स्पेस को पार किया खैबर पख्तूनवा प्रांत के बालाकोट शहर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर मिसाइल हमले किए थे. भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हमलों में पायलटों ने पांच स्पाइस 2000 बम गिराए थे, जिनमें से चार उस इमारत की छतों पर गिरे जिसमें आतंकवादी सो रहे थे. हमला सुबह तड़के 3.30 बजे किया गया और अपने टारगेट पर बम गिराने के बाद कुछ ही मिनटों के भीतर भारतीय वायु सेना के विमान अपने ठिकानों पर लौट आए. 

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हमले में इस्तेमाल किए गए विमान, भारतीय वायु सेना के नंबर 7 और नंबर 9 स्क्वाड्रन के थे और इसमें गैर-अपग्रेड किए गए विमानों को शामिल किया गया क्योंकि नंबर 1 स्क्वाड्रन के अपग्रेडेड मिराज में उस समय हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता नहीं थी. इस दौरान कुछ मिराज विमानों ने जैश के ठिकानों पर हमले को अंजाम दिया. वहीं कुछ अन्य मिराज और सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों की एक टीम ने पाकिस्तान वायु सेना के विमानों को किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न करने या किसी भी जवाबी कार्रवाई शुरू करने से दूर रखा. (इनपुट-भाषा)

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