मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में रक्षक बने शिक्षक, मलिन बस्तियों के बच्चों को पढ़ा रहे पुलिसकर्मी

एक पुलिसकर्मी ने बताया कि हम चार साल से ऐसे बच्चों को पढ़ा रहे हैं. करीब 40 बच्चे हैं, जो यहां नियमित तौर पर पढ़ाई करने आते हैं.

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में रक्षक बने शिक्षक, मलिन बस्तियों के बच्चों को पढ़ा रहे पुलिसकर्मी

Indore के पुलिसकर्मी करीब 40 गरीब बच्चों के बीच कर रहे अध्यापन कार्य

इंदौर:

आम जनता के बीच प्रायः जब पुलिस का नाम आता है तो नकारात्मक छवि ही पेश की जाती है, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पुलिस (Indore Police) का एक नया मानवीय चेहरा सामने आया है. इसमें जनता की रक्षक कहलाने वाली पुलिस शिक्षक की भूमिका में नजर आ रही है. पुलिसकर्मी मलिन बस्तियों (Slum children) के बीच जाकर शिक्षा की लौ जला रहे हैं.

इंदौर पुलिस के कई कर्मी मलिन बस्तियों के बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं और नियमित तौर पर उनकी कक्षाएं लेते हैं. इन गरीब बच्चों को शिक्षा देने वाले एक पुलिसकर्मी ने बताया कि हमने अपनी सामाजिक पृष्ठभूमि से इन बच्चों को पढ़ाने का प्रेरणा मिलती है. हम सभी विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए यहां तक पहुंचे हैं. पुलिसकर्मी ने कहा कि हम चार साल से ऐसे बच्चों को पढ़ा रहे हैं. करीब 40 बच्चे हैं, जो यहां नियमित तौर पर पढ़ाई करने आते हैं. इन बच्चों की किताबों और अन्य तरह की शैक्षिक मदद भी पुलिसकर्मियों ने की है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बच्चे भी पुलिसकर्मियों से शिक्षा लेकर बेहद उत्साहित हैं. पुलिसकर्मी उनकी अन्य तरीकों से भी मदद करते हैं. पुलिसकर्मियों की ये कहानी सुनकर कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गरीब बच्चों के अध्यापन कार्य से जुड़ने और समूह बनाने की वकालत की है. उन्होंने इसे सराहनीय मानवीय पहल बताया है. लोगों ने इसके लिए फंड जुटाने और संस्था बनाने की भी अपील की है. पुलिस अधिकारियों ने भी पुलिसकर्मियों के इस कार्य की प्रशंसा की है.