विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत दक्षिण सूडान से अपने नागरिकों को निकालने की योजना बना रहा है, जहां सरकार समर्थक और विरोधी गुटों के बीच संघर्ष के चलते हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं। भारतीय नागरिकों को युद्धग्रस्त देश में न जाने का परामर्श दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'हर कदम' उठाया जा रहा है तथा उस देश की स्थिति अस्थिर बनी हुई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, 'दक्षिण सूडान- मुझे दक्षिण सूडान के घटनाक्रम की जानकारी है। हम भारतीय नागरिकों को निकालने की योजना बना रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'खुद को भारतीय दूतावास में रजिस्टर कराएं और डरें नहीं। भारतीय नागरिकों को दक्षिण सूडान की यात्रा न करने की हिदायत दी जाती है।'
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम दक्षिण सूडान की स्थिति पर करीब से निगाह रख रहे हैं। हमारे नागरिकों को आवश्यक परामर्श जारी कर दिए गए हैं। स्थिति अभी तक अस्थिर बनी हुई है।' इसमें कहा गया, 'हम निरंतर आकलन कर रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है। हमारे नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक कदम उठाया जा रहा है।'
ताजा परामर्श में विदेश मंत्रालय ने दक्षिण सूडान से निकलने के इच्छुक भारतीय नागरिकों से ईमल आईडी controlroomjuba@gmail.com पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। दक्षिण सूडान में भारतीय नागरिकों की सहायता के बारे में परामर्श में कहा गया, 'यह महत्वपूर्ण है कि देश से निकाले जाने वाले भारतीय नागरिकों की सही संख्या पता लगे ताकि प्रबंध किए जा सकें। कृपया संक्षेप में जानकारी दें।' इसमें कहा गया कि इंटरनेट के अभाव में इन नंबरों पर ब्योरा भेजा जा सकता है... +211955589611, +211925502025, +211956942720, +211955318587।
दक्षिण सूडान में भारत के दूतावास ने रविवार को वहां फंसे भारतीयों से शांत रहने को कहा था और आश्वासन दिया था कि वह भारत में अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है और दक्षिण सूडान में सेना और पूर्व विद्रोहियों के बीच भीषण संघर्ष के हालात में उनकी राहत के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। परामर्श में कहा गया है, 'भारतीय दूतावास भारत में संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है और जुबा में फंसे भारतीयों को सहायता पहुंचाने के तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सभी से गुजारिश है कि शांत रहें और आगे के घटनाक्रम तथा दूतावास से अगली सूचना का इंतजार करें।' आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दक्षिण सूडान में कुछ सौ भारतीय हैं। इनमें से कुछ के जुबा में अपने काम धंधे हैं और अन्य विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं। कुछ भारतीय वहां ईसाई धर्मार्थ संस्थाओं में भी काम करते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'हर कदम' उठाया जा रहा है तथा उस देश की स्थिति अस्थिर बनी हुई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, 'दक्षिण सूडान- मुझे दक्षिण सूडान के घटनाक्रम की जानकारी है। हम भारतीय नागरिकों को निकालने की योजना बना रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'खुद को भारतीय दूतावास में रजिस्टर कराएं और डरें नहीं। भारतीय नागरिकों को दक्षिण सूडान की यात्रा न करने की हिदायत दी जाती है।'
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम दक्षिण सूडान की स्थिति पर करीब से निगाह रख रहे हैं। हमारे नागरिकों को आवश्यक परामर्श जारी कर दिए गए हैं। स्थिति अभी तक अस्थिर बनी हुई है।' इसमें कहा गया, 'हम निरंतर आकलन कर रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है। हमारे नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक कदम उठाया जा रहा है।'
ताजा परामर्श में विदेश मंत्रालय ने दक्षिण सूडान से निकलने के इच्छुक भारतीय नागरिकों से ईमल आईडी controlroomjuba@gmail.com पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। दक्षिण सूडान में भारतीय नागरिकों की सहायता के बारे में परामर्श में कहा गया, 'यह महत्वपूर्ण है कि देश से निकाले जाने वाले भारतीय नागरिकों की सही संख्या पता लगे ताकि प्रबंध किए जा सकें। कृपया संक्षेप में जानकारी दें।' इसमें कहा गया कि इंटरनेट के अभाव में इन नंबरों पर ब्योरा भेजा जा सकता है... +211955589611, +211925502025, +211956942720, +211955318587।
दक्षिण सूडान में भारत के दूतावास ने रविवार को वहां फंसे भारतीयों से शांत रहने को कहा था और आश्वासन दिया था कि वह भारत में अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है और दक्षिण सूडान में सेना और पूर्व विद्रोहियों के बीच भीषण संघर्ष के हालात में उनकी राहत के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। परामर्श में कहा गया है, 'भारतीय दूतावास भारत में संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है और जुबा में फंसे भारतीयों को सहायता पहुंचाने के तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सभी से गुजारिश है कि शांत रहें और आगे के घटनाक्रम तथा दूतावास से अगली सूचना का इंतजार करें।' आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दक्षिण सूडान में कुछ सौ भारतीय हैं। इनमें से कुछ के जुबा में अपने काम धंधे हैं और अन्य विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं। कुछ भारतीय वहां ईसाई धर्मार्थ संस्थाओं में भी काम करते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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