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This Article is From Jun 27, 2016

चीन और पाकिस्तान से पहले भारत बना MTCR का 35वां सदस्य | जानें क्या होगा फायदा

चीन और पाकिस्तान से पहले भारत बना MTCR का 35वां सदस्य | जानें क्या होगा फायदा
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: भारत आज मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम यानी MTCR का 35वां सदस्य बन गया। इस समूह में शामिल होना भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है। इस ग्रुप का सदस्य बनने के बाद अब भारत दूसरे देशों के साथ हाई-एंड मिसाइल तकनीक को साझा कर सकेगा। हालांकि भारत को एनएसजी की सदस्यता हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई।

विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत आज सुबह एमटीसीआर में शामिल हो गया..इस समूह के 35वें सदस्य के रूप में भारत का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय अप्रसार के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में परस्पर लाभकारी होगा।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत अपनी सदस्यता का समर्थन करने वाले एमटीसीआर के 34 सदस्यों में से प्रत्येक का शुक्रिया अदा करना चाहेगा। हम एमटीसीआर के सहअध्यक्षों- नीदरलैंड के राजदूत पीटर डी क्लेर्क और लग्जमबर्ग के रॉबर्ट स्टीनमेट्ज का भी शुक्रिया अदा करना चाहेंगे।’’ आगे बयान में कहा गया है कि पेरिस में एमटीसीआर के ‘प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट’ ने इस समूह में भारत को शामिल किए जाने से जुड़े निर्णय की जानकारी नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास, नीदरलैंड और लग्जमबर्ग के दूतावासों के माध्यम से पहुंचाई।

(यह भी पढ़ें- एनएसजी की 'फिजूल' की सदस्यता के लिए इतनी फजीहत..)

चीन MTCR का सदस्य नहीं
भारत की यह सदस्यता इस लिहाज से भी अहम है कि NSG में एंट्री को लेकर रोड़े अटकाने वाला चीन MTCR का सदस्य नहीं है और भारत ने उससे पहले ही इस समूह में अपनी जगह पक्की कर ली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर आज फ्रांस, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में MTCR की सदस्यता पर साइन करेंगे।

इटली का रुख भी नरम
MTCR में भारत की सदस्यता को लेकर इटली विरोध कर रहा था। इटली के विरोध की मुख्य वजह उसके दो नौसैनिकों पर भारत में चल रहा हत्या का मुकदमा था लेकिन नौसैनिकों के इटली लौटने के फैसले के बाद इटली का सुर भी नरम हुआ और भारत की राह आसान हो गई।

क्या है MTCR?
MTCR यानि मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम
MTCR 34 देशों का समूह
दुनियाभर में मिसाइल के प्रसार को रोकना
मानवरहित हथियार पर भी रोक लगाने का काम
मिसाइल क्षमता 300 किलोमीटर के दायरे में रहे
चीन और पाकिस्तान नहीं हैं सदस्य

MTCR से भारत को फ़ायदा
भारत मानवरहित ड्रोन ख़रीद पाएगा
अमेरिका से ख़रीद सकता है प्रिडेटर ड्रोन
ब्रह्मोस जैसी मिसाइल बेच सकेगा
NSG में भारत के दावे को मज़बूती

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