भारत और जर्मनी कौशल विकास, स्वच्छ ऊर्जा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और नदियों को स्वच्छ करने के क्षेत्रों में नई साझेदारी विकसित करने पर सोमवार को सहमत हुए।
भारत के दौरे पर आए जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ फ्रैंक वाल्टर स्टेनमेयर के आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने पर उन्होंने (मोदी) कहा कि जर्मनी और भारत 'एक दूसरे के लिए बने हैं।'
इस भेंट के दौरान स्टेनमेयर ने भारत में नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की जर्मनी की मजबूत इच्छा जताई, जिससे द्विपक्षीय संबंध और विस्तारित तथा गहरे हों। उन्होंने हनोवर मेसे-2015 में भारत के एक साझेदार देश के रूप में भाग लेने के लिए जर्मनी की चांसलर मार्केल के आमंत्रण को स्वीकार करने के भारत के फैसले का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने स्टेनमेयर से बातचीत के दौरान कहा, ''लोकतांत्रिक मूल्यों से बंधे भारत और जर्मनी 'एक दूसरे के लिए बने' हैं।'' उन्होंने कहा कि दोनों देश पूरक कौशलों और संसाधनों के कारण विनिर्माण और ढांचागत विकास में साझेदारी करने के जरिये औद्योगिक विकास की अगली पीढ़ी को ताकत दे सकते हैं।
मोदी ने सलाह दी कि कौशल विकास के क्षेत्र में जर्मनी की ताकत और अनुभव का लाभ उठाकर दोनों पक्ष भारतीय जरूरतों और कुशल मानव संसाधनों की वैश्विक जरूरतों की पूर्ति के लिए भारतीय युवकों की एक ठोस प्रशिक्षण योजना विकसित करें।
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