नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाना बनाने के लिए नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि वह ‘तुच्छ राजनीति’ कर रहे हैं और सार्वजनिक बहस की उनकी चुनौती को ‘बड़बोलापन’ बता कर खारिज कर दिया।
गुजरात के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री को सार्वजनिक बहस की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सबसे अंत में आएंगे। पहले वे हमारे साथ बहस करें।’ उन्होंने कहा कि मोदी देश में कुछ बड़ा बनने के लिए इतने अधीर हो चुके हैं कि वह इस बात को भी भूल गए कि यह दिन राजनीतिक मतभेद भूल जाने का होता है।
मोदी द्वारा अपने भाषण की तुलना प्रधानमंत्री से करने के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि यह छोटे कद के व्यक्ति की ओर से बड़ी बड़ी बातें करने का मामला (छोटा मुंह बड़ी बात) है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाक संबंधों पर राजनीति हावी हो गई है, उन्होंने कहा, ‘तुच्छ राजनीति की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’ दोनों दलों में वाकयुद्ध निचले स्तर पर पहुंच गया है जब गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में ‘सास, बहू और दामाद’ धारावाहिक का जिक्र किया जो अप्रत्यक्ष रूप से सोनिया गांधी, उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित था। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि क्या वह खलनायक है।
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘और क्या वे खलनायक हैं? एक फिल्म का नाम भी खलनायक रहा है। खलनायक धारावाहिक भी चल रहा है। इसके बारे में उनसे पूछें।’ खुर्शीद ने यह बात कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के तिरंगा फहराने के बाद कही। उनसे मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने भुज में कहा है कि, ‘भाई भतीजावाद पुराने दिनों के धारावाहिकों में भ्रष्टाचार के मूल में हुआ करता था। समय के साथ इसमें बदलाव आया है। भ्रष्टाचार में एक नया धारावाहिक मामा-भांजा आया और अब यह सास, बहू और दामाद की ओर बढ़ गया है।’
खुर्शीद ने मोदी को अपनी पीठ खुद थपथपाने से बचने की सलाह दी। केंद्रीयमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी और प्रधानमंत्री के बीच तुलना को खारिज करते हुए कहा, ‘अगर आज मैं कहूं कि मैं ओबामा से बड़ा हूं तो लोग मुझे पागल कहेंगे।’ आजाद ने इस संबंध में हिन्दी के मुहावरे का उपयोग किया, ‘एक मुख्यमंत्री किस तरह से प्रधानमंत्री को चुनौती दे सकता है। क्या राजा भोज और गंगू... में कोई तुलना हो सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘कोई भी किसी को चुनौती देने से रोक सकता है भला। अपने घर में बैठा हर व्यक्ति शेर है।’ बहरहाल, खुर्शीद ने ‘यस वी कैन’ टिप्पणी के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ओबामा के भाषण से आयात किया गया है जो उनके लिए किसी ने तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि कोई उन्हें (मोदी को) कुछ लिखकर देता है और वे उसे पढ़ देते हैं। अब हमें देखना होगा कि पाकिस्तान, यूरोप, अमेरिका और भारत के बारे में वह किसका लिखा पढ़ते हैं। मोदी के विदेश नीति की आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने याद दिलाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वह (मोदी) इतना अच्छा कर रहे हैं कि उन्हें विदेश जाने के लिए भी वीजा नहीं मिल रहा है।
पाकिस्तान से निपटने के बारे में मोदी की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए खुर्शीद ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। खुर्शीद ने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे अपने हितों के लिए देश के हितों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत का प्रधानमंत्री, चाहे वह कोई भी हो या किसी भी पार्टी का हो, वह भारत की प्रतिबद्धता और आकांक्षाओं का प्रतीक होता है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख है कि कोई ऐसा है जिसे भारतीय राजनीतिक आचार की बुनियादी बातों की समझ नहीं है। अगर वह (मोदी) अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं, वह ऐसा कर सकते हैं। लेकिन मोदी को कम से कम आज संयम रखना चाहिए था।’ खुर्शीद ने कहा, ‘आज ऐतिहासिक दिन है जो हमें स्वतंत्रता संघर्ष से जोड़ता है। अगर मोदी इसे नहीं समझते हैं और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है तो मुझे उन पर दया आती है...।’ उन्होंने कहा कि वह देश को किस तरह का नेतृत्व प्रदान करेंगे यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
गुजरात के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री को सार्वजनिक बहस की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सबसे अंत में आएंगे। पहले वे हमारे साथ बहस करें।’ उन्होंने कहा कि मोदी देश में कुछ बड़ा बनने के लिए इतने अधीर हो चुके हैं कि वह इस बात को भी भूल गए कि यह दिन राजनीतिक मतभेद भूल जाने का होता है।
मोदी द्वारा अपने भाषण की तुलना प्रधानमंत्री से करने के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि यह छोटे कद के व्यक्ति की ओर से बड़ी बड़ी बातें करने का मामला (छोटा मुंह बड़ी बात) है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाक संबंधों पर राजनीति हावी हो गई है, उन्होंने कहा, ‘तुच्छ राजनीति की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’ दोनों दलों में वाकयुद्ध निचले स्तर पर पहुंच गया है जब गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में ‘सास, बहू और दामाद’ धारावाहिक का जिक्र किया जो अप्रत्यक्ष रूप से सोनिया गांधी, उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित था। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि क्या वह खलनायक है।
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘और क्या वे खलनायक हैं? एक फिल्म का नाम भी खलनायक रहा है। खलनायक धारावाहिक भी चल रहा है। इसके बारे में उनसे पूछें।’ खुर्शीद ने यह बात कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के तिरंगा फहराने के बाद कही। उनसे मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने भुज में कहा है कि, ‘भाई भतीजावाद पुराने दिनों के धारावाहिकों में भ्रष्टाचार के मूल में हुआ करता था। समय के साथ इसमें बदलाव आया है। भ्रष्टाचार में एक नया धारावाहिक मामा-भांजा आया और अब यह सास, बहू और दामाद की ओर बढ़ गया है।’
खुर्शीद ने मोदी को अपनी पीठ खुद थपथपाने से बचने की सलाह दी। केंद्रीयमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी और प्रधानमंत्री के बीच तुलना को खारिज करते हुए कहा, ‘अगर आज मैं कहूं कि मैं ओबामा से बड़ा हूं तो लोग मुझे पागल कहेंगे।’ आजाद ने इस संबंध में हिन्दी के मुहावरे का उपयोग किया, ‘एक मुख्यमंत्री किस तरह से प्रधानमंत्री को चुनौती दे सकता है। क्या राजा भोज और गंगू... में कोई तुलना हो सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘कोई भी किसी को चुनौती देने से रोक सकता है भला। अपने घर में बैठा हर व्यक्ति शेर है।’ बहरहाल, खुर्शीद ने ‘यस वी कैन’ टिप्पणी के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ओबामा के भाषण से आयात किया गया है जो उनके लिए किसी ने तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि कोई उन्हें (मोदी को) कुछ लिखकर देता है और वे उसे पढ़ देते हैं। अब हमें देखना होगा कि पाकिस्तान, यूरोप, अमेरिका और भारत के बारे में वह किसका लिखा पढ़ते हैं। मोदी के विदेश नीति की आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने याद दिलाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वह (मोदी) इतना अच्छा कर रहे हैं कि उन्हें विदेश जाने के लिए भी वीजा नहीं मिल रहा है।
पाकिस्तान से निपटने के बारे में मोदी की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए खुर्शीद ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। खुर्शीद ने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे अपने हितों के लिए देश के हितों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत का प्रधानमंत्री, चाहे वह कोई भी हो या किसी भी पार्टी का हो, वह भारत की प्रतिबद्धता और आकांक्षाओं का प्रतीक होता है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख है कि कोई ऐसा है जिसे भारतीय राजनीतिक आचार की बुनियादी बातों की समझ नहीं है। अगर वह (मोदी) अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं, वह ऐसा कर सकते हैं। लेकिन मोदी को कम से कम आज संयम रखना चाहिए था।’ खुर्शीद ने कहा, ‘आज ऐतिहासिक दिन है जो हमें स्वतंत्रता संघर्ष से जोड़ता है। अगर मोदी इसे नहीं समझते हैं और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है तो मुझे उन पर दया आती है...।’ उन्होंने कहा कि वह देश को किस तरह का नेतृत्व प्रदान करेंगे यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
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