पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने गुड़गांव की बेशकीमती जमीन डीएलएफ को बेहद कम दाम पर देने के हरियाणा सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। वजीराबाद गांव के किसानों की याचिक पर फैसला सुनाते हुए सरकार को नीलामी दोबारा कराने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि गुड़गांव के वजीराबाद की 350 एकड़ जमीन रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को देने के फैसले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने किसानों की इस दलील को मान लिया है कि नीलामी प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी हुई है।
याचिका में कहा गया था कि किसानों से जमीन पार्क बनाने के नाम पर ली गई थी। लेकिन बाद में सरकार ने जमीन बिल्डर को दे दी। 350 में 250 एकड़ जमीन वन संरक्षित इलाके की है। नीलामी में तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। लेकिन बाकी दो कंपनियों की बोली को खारिज कर दिया गया और डीएलएफ को जमीन दी दी गई।
जमीन का आरक्षित मूल्य 1683 करोड़ रुपये था। डीएलएफ को जमीन के लिए सिर्फ 20 करोड़ रुपये ज्यादा देने पड़े। इस जमीन की बाजार कीमत लगभग चार हजार करोड़ रुपये बताई जा रही थी।
किसानों के वकील सुधांशु मित्तल का कहना है कि वजीराबाद के बाशिंदों ने हाईकोर्ट में याचिका थी। उसपर कोर्ट ने डीएलएफ के आवंटन को रद्द कर दिया है और सरकार को फिर से बोली लगाने के लिए कहा गया है।
वहीं, विपक्षी दल पहले से ही मांग कर रहे हैं कि हुड्डा सरकार में हुए सभी जमीन सौदों की जांच होनी चाहिए।
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