सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा है कि कोरोना के Omicron वैरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन (covishield Vaccine) कितनी कारगर है, इसका अगले 2-3 हफ्ते में पता चल जागा. NDTV से खास बातचीत में पूनावाला ने कहा किअभी यह कह नहीं सकते कि ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर है या नहीं. ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए बूस्टर डोज संभव है. हालांकि उनका कहना है कि सरकार का फोकस फिलहाल सभी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दिए जाने पर केंद्रित रखना चाहिए.
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दरअसल, लैंसेट की स्टडी में पाया गया है कि कोविशील्ड डेल्टा वैरिएंट के कहर के दौरान भी वायरस से निपटने में काफी प्रभावी रही और इससे अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने की आशंका काफी हद तक कम हो गई थी. पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड के ओमिक्रॉन पर असर को लेकर भी अध्ययन चल रहा है और हमें कुछ हफ्तों का इंतजार करना चाहिए. ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं और उनके निष्कर्षों के आधार पर हम नई वैक्सीन लेकर आ सकते हैं, जो आने वाले छह महीनों में बूस्टर डोज की तरह पेश की जा सकती है.
सीरम के सीईओ (Serum Institute of India) पूनावाला ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि समय के साथ कोविशील्ड की प्रभावक्षमता कम होती जाए. हालांकि उन्होंने दोहराया कि उनका संदेश यही है कि सभी लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज दी जाएं. इसके बाद ही अगले साल हम इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज देने की सोच सकते हैं.
अगर सरकार बूस्टर डोज लगवाने का फैसला करती है तो हम स्टाक मुहैया कराने के लए तैयार हैं.पूनावाला के अनुसार, प्राइवेट मार्केट में बूस्टर डोज 600 रुपये में मिल सकती है. विशेषज्ञों की सलाह के बाद बूस्टर डोज दी जा सकती है.लेकिन बूस्टर डोज के पहले वैक्सीन की दोनों डोज सभी को दिया जाना जरूरी है.
पूनावाला के मुताबिक, हमारे पास कैंपस में लाखों वैक्सीन डोज का स्टॉक है. हमने 20 करोड़ वैक्सीन डोज राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सुरक्षित रखी है. ऐसे में अगर सरकार बूस्टर डोज का ऐलान करती है तो हमें उन्हें पर्याप्त आपूर्ति देने में सक्षम हैं. हमारे पास कोवावैक्स (Covovax) का भी पर्याप्त स्टॉक है, जो कोविड-19 के खिलाफ नई स्वदेशी वैक्सीन है. इसे अगले कुछ हफ्ते में इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. कोविशील्ड के लिए दाम में बदलाव नहीं होगा. इसके लिए कीमत तय है और हम इसे बनाए रखेंगे. जनवरी-फरवरी तक कोवावैक्स डोज भारत में उपलब्ध कराई जा सकती है.
सीरम के सीईओ ने कहा कि भारत दुनिया के दवाखाने यानी फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका निभाने को तैयार है. हमारा दुनिया को संदेश है कि हम भारत ही नहीं, हमारे पास विश्व की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं.
पूनावाला ने कहा कि अभी हम हर माह 25 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन कर रहे हैं और हम छह माह में 1 अरब वैक्सीन डोज देने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. आने वाले वक्त में भारतीय वैक्सीन इंडस्ट्री को कच्चे माल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
कोविशील्ड पूरी तरह स्वीकृत है और यह ज्यादा सुविधाजनक है, उन लोगों के लिए जो यात्रा करना चाहते हैं. ऐसे में वो कोवावैक्स को लेकर जल्दबाजी के बजाय कोविशील्ड की अभी बात करेंगे, क्योंकि अगर यहां कोई वैक्सीन लगाई जाती है और उसे दूसरे देशों में स्वीकृत वैक्सीन के तौर पर मंजूरी मिलने में लंबा समय लगता है तो विदेश यात्रा करने वाले लोगों के इससे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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