नई दिल्ली:
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ के बासागुड़ा में सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को लेकर सुरक्षाबलों पर लग रहे आरोपों के बीच बुधवार को कहा कि यदि इसमें (मुठभेड़ में) कोई निर्दोष व्यक्ति मारा गया है तो उन्हें इसका 'गहरा दुख' है, और वह इसके लिए माफी मांगते हैं।
चिदंबरम ने कहा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और न ही डरने की कोई बात है, और इसके महानिदेशक घटना को लेकर स्पष्टीकरण दे चुके हैं। चिदंबरम ने कहा है कि अगर मुठभेड़ में कोई ऐसा नौजवान मारा गया, जो माओवादी नहीं है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं, लेकिन पहले यह तथ्य जांच में तय होना चाहिए कि वह वास्तव में बेगुनाह है।
उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले ही गृहमंत्री बिना किसी जांच के मारे गए नौजवानों को कट्टर माओवादी करार दे चुके हैं, और अब उस मुठभेड़ पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद चिदंबरम का यह नया बयान आया है। पिछले सप्ताह चिदंबरम ने बासागुड़ा की मुठभेड को बड़ी कार्रवाई बताते हुए नागेश नाम के एक नौजवान को माओवादी कमांडर बताया था, जबकि मीडिया द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि वह इलाके का एक होनहार नौजवान था। उस मुठभेड़ में कुल 20 लोग मारे गए थे।
चिदंबरम ने 29 जून को कहा था कि सीआरपीएफ के दल पर रात 11.30 बजे जंगल में गोली चलाई गई थी, जिसका उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि घटना में सीआरपीएफ के छह जवान घायल हो गए थे, जिसमें से एक की हालत नाजुक है। चिदंबरम ने कहा था कि जवाबी कार्रवाई में 16-17 लोग मारे गए हैं, जिनमें सबसे कम उम्र (15 वर्ष) का एक किशोर भी था, लेकिन अधिकतर वयस्क थे।
चिदंबरम ने कहा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और न ही डरने की कोई बात है, और इसके महानिदेशक घटना को लेकर स्पष्टीकरण दे चुके हैं। चिदंबरम ने कहा है कि अगर मुठभेड़ में कोई ऐसा नौजवान मारा गया, जो माओवादी नहीं है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं, लेकिन पहले यह तथ्य जांच में तय होना चाहिए कि वह वास्तव में बेगुनाह है।
उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले ही गृहमंत्री बिना किसी जांच के मारे गए नौजवानों को कट्टर माओवादी करार दे चुके हैं, और अब उस मुठभेड़ पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद चिदंबरम का यह नया बयान आया है। पिछले सप्ताह चिदंबरम ने बासागुड़ा की मुठभेड को बड़ी कार्रवाई बताते हुए नागेश नाम के एक नौजवान को माओवादी कमांडर बताया था, जबकि मीडिया द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि वह इलाके का एक होनहार नौजवान था। उस मुठभेड़ में कुल 20 लोग मारे गए थे।
चिदंबरम ने 29 जून को कहा था कि सीआरपीएफ के दल पर रात 11.30 बजे जंगल में गोली चलाई गई थी, जिसका उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि घटना में सीआरपीएफ के छह जवान घायल हो गए थे, जिसमें से एक की हालत नाजुक है। चिदंबरम ने कहा था कि जवाबी कार्रवाई में 16-17 लोग मारे गए हैं, जिनमें सबसे कम उम्र (15 वर्ष) का एक किशोर भी था, लेकिन अधिकतर वयस्क थे।
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