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This Article is From Dec 08, 2018

देश में धर्म के नाम पर बंटवारे के खेल पर खफा हुए चर्चित आईएएस अशोक खेमका, बोले- ऐसे लोग धार्मिक नहीं

देश में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों के जरिए धार्मिक गोलबंदी में जुटे नेताओं और लोगों को हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका ने नसीहत दी है.

देश में धर्म के नाम पर बंटवारे के खेल पर खफा हुए चर्चित आईएएस अशोक खेमका, बोले- ऐसे लोग धार्मिक नहीं
हरियाणा काडर के आईएएस अशोक खेमका की फाइल फोटो.
नई दिल्ली: देश में धर्म के नाम पर नफरती दीवार खड़ी करने की कोशिश में जुटे लोगों को हरियाणा के चर्चित आईएएस अफसर अशोक खेमका (IAS Ashok Khemka) ने आड़े हाथों लिया है.  24 साल में 51 ट्रांसफर झेलने वाले देश के ईमानदार अफसरों में शुमार खेमका सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. उन्होंने ट्वीट कर धर्म के आधार पर इन दिनों चल रहे बंटवारे को गलत ठहराते हुए ऐसे लोगों को नसीहत दी है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए एक ट्वीट में कहा-धर्म दिलों को जोड़ता है, तोड़ता नहीं. जो धर्म का दुरुपयोग कर तोड़ने का प्रयास करता है, वह धार्मिक नहीं. अशोक खेमका के ट्वीट पर तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. कुछ ने जहां इसकी सराहना की, वहीं कुछ ने चुटकी भी ली.

यह भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने अशोक खेमका के खिलाफ आरोपपत्र वापस लिया

 श्रीजन सेंगर ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया,"इसे भाजपा से जोड़कर बिल्कुल भी न देखें." जगदीश प्रसाद ने अशोक खेमका ( Ashok Khemka) के ट्वीट के जवाब में कहा-, "देशद्रोही का कोई धर्म नहीं होता साहब. ये बात इनको कौन समझाए ?" एस शौर्य ने लिखा कि आज वोट के लिए भड़काने का खेल चल रहा है. अंबरीश बशु ने लिखा-," धर्म धारण किया जाता है.धारण हमेशा अच्छी तरह किया जा सकता है जिससे अपने साथ अन्य को भी सुख चैन मिले. " रत्नाकर यादव ने लिखा- धर्म का विकृत रूप इंसानों को मज़हबों, जातियों, सीमाओं, रंगों और नस्लों में बांटता है. केवल कर्मकांड ही धर्म की संकीर्ण परिभाषा बनकर रह गया है. कलयुग में लोग धर्म की परिभाषा अपने-अपने विवेक से गढ़ते रहते हैं. 

   रॉबर्ट वाड्रा की लैंड डील खुलासे से चर्चा में रहे अशोक खेमका (Ashok Khemka) 
अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा काडर के  आईएएस हैं. 24 साल में 51 बार ट्रांसफर हो चुका है. गुरुग्राम में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण अशोक खेमका सुर्खियों में रहे. कहा जाता है कि अशोक खेमका जिस भी विभाग में जाते हैं, वहीं घपले-घोटाले उजागर करते हैं, जिसके चलते अक्सर उन्हें ट्रांसफर झेलना पड़ता है. भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासनकाल में बतौर व्हिसिल ब्लोवरकई घोटालों का खुलासा कर चुके हैं. अशोक खेमका पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पैदा हुए. फिर आईआईटी खड़गपुर से 1988 में बीटेक किए और बाद में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी किए. बिजनेस एडिमिनिस्ट्रेशन में उनके पास एमबीए की डिग्री भी है.नवंबर 2014 मेंतत्‍कालीन हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के लैंड डील से जुड़े खुलासे के बाद खेमका का तबादला परिवहन विभाग में कर दिया था. जिस पर सवाल उठे थे.  

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