यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए रेलवे ने अपनी प्रीमियम हमसफर रेलगाड़ियों से फ्लेक्सी फेयर योजना को हटा दिया है. साथ ही इन रेलगाड़ियों में स्लीपर क्लास के कोच लगाने का भी निर्णय किया है. यह जानकारी शुक्रवार को रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि यह राहत 35 जोड़ी हमसफर रेलगाड़ियों के लिए है जिनमें फिलहाल केवल एसी- तीन श्रेणी के कोच लगे होते हैं. अधिकारी ने कहा कि हमसफर रेलगाड़ियों में तत्काल टिकट किराया भी घटाया गया है. इनकी कीमत अब मूल किराये के 1.5 गुना की बजाए 1.3 गुना होगी.
क्या है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम...
रेलवे ने 9 सितंबर 2016 को राजधानी, शताब्दी, दुरंतो के लिए फ्लेक्सी फेयर सिस्टम शुरू किया था. इसके मुताबिक मांग बढ़ने पर बेस फेयर में 10 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक किरायों में बढ़ोतरी की जा सकती है. रेल मंत्रालय ने हाल कुछ महीने पहले ही फ्लेक्सी किराया योजना में संशोधन किया है. यह योजना 13,452 ट्रेनों में से फिलहाल 141 ट्रेनों पर लागू है. यह सिर्फ एसी टू टियर, एसी थ्री टियर, एसी चेयर कार, स्लीपर और द्वितीय श्रेणी (आरक्षित) टिकटों पर लागू है.
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वर्ष 2017-19 के दौरान फ्लेक्सी किराये से रेलवे ने 20 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया
भारतीय रेलवे ने 2017-19 के दौरान फ्लेक्सी किराये या डायनेमिक किराये के माध्यम से टिकटों की बिक्री के जरिये अतिरिक्त 20 प्रतिशत राजस्व अर्जित किया. सूचना का अधिकार (आरटीआई) से मिले जवाब में यह खुलासा हुआ. इसके अनुसार उक्त अवधि में रेलवे को 10,072 करोड़ रुपये की आय हुई जिसमें से 2,217 करोड़ उसने फ्लेक्सी किराये से अर्जित किए. 2017-2018 में रेलवे ने टिकट बिक्री से 4,901 करोड़ रुपये की कमाई की जिनमें 1,063 करोड़ रुपये उसे फ्लेक्सी किराये से मिले. 2018-2019 में फ्लेक्सी किराये से रेलवे ने 1,153 करोड़ रुपये की कमाई की जबकि कुल टिकट से उसने 5,171 करोड़ रुपये कमाये. 2016 में यह योजना शुरू की गयी थी और यह राजधानी, शताब्दी एवं दुरंतों ट्रेनों पर लागू की गयी है, जिसमें 10 प्रतिशत सीटें सामान्य किराया दर पर जबकि इसके बाद हर 10 फीसदी सीटों के आरक्षण पर किराये में 10 फीसदी के इजाफे का प्रावधान है. किराये में अधिकतम इजाफे की सीमा 50 फीसदी है.
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(इनपुट भाषा से...)
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