भारतीय रेल में फ्लेक्सी फेयर में कमी
नई दिल्ली:
त्योहारों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने बुधवार को आम यात्रियों को एक बड़ी राहत दी है. रेलवे ने अपनी फ्लेक्सी फेयर में कमी करने का फैसला किया है. रेलवे का यह फैसला आम यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. खासकर तब जब दिवाली और अन्य पर्व के मौके पर लोग ट्रेन की किसी तरह क कंफर्म टिकट लेकर यात्रा करना चाहते हैं. रेल मंत्रालय ने यात्रियों को राहत देते हुए सालभर में 50 प्रतिशत से कम बुकिंग वाली 15 प्रीमियम रेलगाड़ियों पर से फ्लेक्सी किराया योजना को समाप्त कर दिया है. जबिक कम मांग वाले मौसम में, जब टिकट बुकिंग 50 से 75 प्रतिशत तक घट जाती है, ऐसी 32 गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया योजना लागू नहीं होगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेलवे ने 101 ट्रेनों में फ्लैक्सी किराये की दर को आधार मूल्य के 1.5 गुना के बजाय 1.4 गुना कर दिया है.
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गौरतलब है कि रेलवे की ओर से यह कदम जुलाई में आई कैग की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर 2016 में योजना के लागू होने के बाद से सीटें खाली रह जाती है. साथ ही फ्लैक्सी किराया को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया था. रेलवे के सूत्रों ने कहा कि योजना में बदलाव से रेलवे को करीब 103 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. हालांकि, उसने उम्मीद जताई है कि किराया कम होने से सीटें भरने में मदद मिलेगी और अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
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कम सीटें भरने के कारण जिन रेलगाड़ियों से फ्लैक्सी किराया योजना को हटाया जायेगा उनमें कालका-नयी दिल्ली शताब्दी, हावड़ा-पुरी राजधानी, चेन्नई-मदुरै दुरंतो शामिल है. जिन ट्रेनों में कम मांग अवधि के दौरान फ्लैक्सी किराया लागू नहीं होगा, उनमें- अमृतसर शताब्दी, इंदौर दुरंतो, जयपुर दुरंतो, बिलासपुर राजधानी, काठगोदाम-आनंदविहार शताब्दी, रांची राजधानी सहित अन्य शामिल हैं. भारतीय रेल ने 9 सितंबर 2016 को प्रीमियम रेलगाड़ियों के लिये फ्लैक्सी फेयर योजना पेश की थी. इनमें 44 राजधानी, 52 दुरंतो और 46 शताब्दी गाड़ियां शामिल थी.
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इस बाबत रेल मंत्री ने ट्वीट में कहा कि त्यौहार पर रेल यात्रियों के लिए सरकार का तोहफा, रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर को मूल किराये के अधिकतम 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुना करने का फैसला किया है, साथ ही 50% से कम बुकिंग होने वाली ट्रेनों पर फ्लैक्सी किराया को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह स्थिति यात्रियों और रेलवे दोनों के लिये फायदेमंद है. फ्लैक्सी किराये में कमी से यात्रियों को सस्ती दरों पर टिकट मिलेंगी जबकि रेलगाड़ियों की सीटें की मांग में वृद्धि होगी. (इनपुट भाषा से)
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गौरतलब है कि रेलवे की ओर से यह कदम जुलाई में आई कैग की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर 2016 में योजना के लागू होने के बाद से सीटें खाली रह जाती है. साथ ही फ्लैक्सी किराया को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया था. रेलवे के सूत्रों ने कहा कि योजना में बदलाव से रेलवे को करीब 103 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. हालांकि, उसने उम्मीद जताई है कि किराया कम होने से सीटें भरने में मदद मिलेगी और अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
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कम सीटें भरने के कारण जिन रेलगाड़ियों से फ्लैक्सी किराया योजना को हटाया जायेगा उनमें कालका-नयी दिल्ली शताब्दी, हावड़ा-पुरी राजधानी, चेन्नई-मदुरै दुरंतो शामिल है. जिन ट्रेनों में कम मांग अवधि के दौरान फ्लैक्सी किराया लागू नहीं होगा, उनमें- अमृतसर शताब्दी, इंदौर दुरंतो, जयपुर दुरंतो, बिलासपुर राजधानी, काठगोदाम-आनंदविहार शताब्दी, रांची राजधानी सहित अन्य शामिल हैं. भारतीय रेल ने 9 सितंबर 2016 को प्रीमियम रेलगाड़ियों के लिये फ्लैक्सी फेयर योजना पेश की थी. इनमें 44 राजधानी, 52 दुरंतो और 46 शताब्दी गाड़ियां शामिल थी.
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इस बाबत रेल मंत्री ने ट्वीट में कहा कि त्यौहार पर रेल यात्रियों के लिए सरकार का तोहफा, रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर को मूल किराये के अधिकतम 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुना करने का फैसला किया है, साथ ही 50% से कम बुकिंग होने वाली ट्रेनों पर फ्लैक्सी किराया को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह स्थिति यात्रियों और रेलवे दोनों के लिये फायदेमंद है. फ्लैक्सी किराये में कमी से यात्रियों को सस्ती दरों पर टिकट मिलेंगी जबकि रेलगाड़ियों की सीटें की मांग में वृद्धि होगी. (इनपुट भाषा से)
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