मानव संसाधन मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में एमटेक पाठ्यक्रमों की फीस में हाल में की गई बढ़ोतरी से मौजूदा छात्र प्रभावित नहीं होंगे. मंत्रालय ने कहा कि बढ़ोतरी केवल नये प्रवेशों पर लागू होगी और ‘जरूरतमंद छात्रों' को जरूरी वित्तीय सहायता मुहैया करायी जाएगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मौजूदा छात्रों के लिए कोई फीस वृद्धि नहीं हुई है. नये प्रवेशों के लिए बढ़ोतरी तीन साल या उससे अधिक की अवधि के दौरान क्रमिक होगी, जैसा आईआईटी के संबंधित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा तय किया जाएगा.'' इसमें कहा गया है, ‘‘अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य के लिए सभी तरह की रियायतें और छात्रवृत्तियां बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगी. फीस वृद्धि ऐसे छात्रों को हतोत्साहित करेगी, जो आईआईटी में कुछ महीने रहने के बाद रोजगार या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए पाठ्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले जाते हैं.''
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ''निशंक'' की अगुवाई वाली आईआईटी परिषद ने शुक्रवार को मास्टर्स प्रोग्राम की फीस में बढ़ोतरी और इसे बीटेक पाठ्यक्रमों के स्तर पर लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यह निर्णय आईआईअी में एमटेक पाठ्यक्रम में सुधारों को लेकर तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर लिया गया.
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मंत्रालय ने कहा, ‘‘आईआईटी में एमटेक कार्यक्रमों के लिए फीस लंबे समय से संशोधित नहीं की गई थी जबकि प्रति छात्र लागत में काफी वृद्धि हुई है. कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण कोई भी छात्र शिक्षा के अवसर से वंचित नहीं होगा.''
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