
नई दिल्ली:
डिजिटल क्रांति का एक चेहरा महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला है। महाराष्ट्र के वही इलाके जो किसानों की आत्महत्या के लिए बीते कुछ सालों में सुर्खियों में रहे हैं।
thebetterindia.com पर मानवी कटोच की रिपोर्ट है कि महाराष्ट्र के इसी इलाके के एक गांव के किसान सूचना क्रांति का इस्तेमाल अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। वो सभी Whatsapp के एक ग्रुप पर साथ आ गए हैं और इस ग्रुप का नाम रखा है बालीराजा।
इंजीनियरिंग के एक छात्र अनिल बंदावाने ने ये ग्रुप बनाया है और वो ख़ुद भी नौकरी छोड़ खेती में ही उतर आए हैं। किसान कॉल सेंटर्स की नाकामी से नाखुश ये किसान अब Whatsapp पर अपनी समस्याएं साझा करते हैं और उनका हल ढूंढते हैं। इसके लिए उनके ग्रुप में खेती के कुछ जानकार, मौसम के कुछ जानकार और कुछ एनजीओ के कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
अनिल का कहना है कि गांव में अधिकतर किसानों के पास मोबाइल फ़ोन है और वो अब आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल खेती में भी कर रहे हैं। उन्हें अब समय पर पता चल जाता है कि मौसम कैसा रहेगा, कौन सी फ़सल उगाई जानी चाहिए, बीज कहां से मिलेगा, कौन सा कीटनाशक इस्तेमाल किया जाए वगैरह वगैरह। इस Whatsapp ग्रुप से किसानों को ये भी बताया जा रहा है कि वो अपनी उपज कहां बेचें जहां उन्हें सबसे ज़्यादा क़ीमत मिले।
thebetterindia.com पर मानवी कटोच की रिपोर्ट है कि महाराष्ट्र के इसी इलाके के एक गांव के किसान सूचना क्रांति का इस्तेमाल अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। वो सभी Whatsapp के एक ग्रुप पर साथ आ गए हैं और इस ग्रुप का नाम रखा है बालीराजा।
इंजीनियरिंग के एक छात्र अनिल बंदावाने ने ये ग्रुप बनाया है और वो ख़ुद भी नौकरी छोड़ खेती में ही उतर आए हैं। किसान कॉल सेंटर्स की नाकामी से नाखुश ये किसान अब Whatsapp पर अपनी समस्याएं साझा करते हैं और उनका हल ढूंढते हैं। इसके लिए उनके ग्रुप में खेती के कुछ जानकार, मौसम के कुछ जानकार और कुछ एनजीओ के कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
अनिल का कहना है कि गांव में अधिकतर किसानों के पास मोबाइल फ़ोन है और वो अब आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल खेती में भी कर रहे हैं। उन्हें अब समय पर पता चल जाता है कि मौसम कैसा रहेगा, कौन सी फ़सल उगाई जानी चाहिए, बीज कहां से मिलेगा, कौन सा कीटनाशक इस्तेमाल किया जाए वगैरह वगैरह। इस Whatsapp ग्रुप से किसानों को ये भी बताया जा रहा है कि वो अपनी उपज कहां बेचें जहां उन्हें सबसे ज़्यादा क़ीमत मिले।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
डिजिटल क्रांति, विदर्भ के किसान, व्हाट्सऐप ग्रुप, महाराष्ट्र, डिजिटल इंडिया, Digital India, Digital Revolution, WhatsApp Group, Maharashtra