सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना फैसले के किसी को जेल नहीं भेजा जा सकता। कोर्ट ने सलमान खान को बरी करने और इससे पहले हाईकोर्ट को जमानत देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी। याचिका में एक अखबार में छपी खबर के हवाले से कहा गया कि सलमान के पिता सलीम खान ने कहा है कि उनके बेटे को बरी करने में 25 करोड़ रुपये खर्च हुए। कोर्ट ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद और दुर्भावना पूर्ण हैं। उन्होंने वकीलों की फीस की बात की होगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी किया
इससे पहले 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिसंबर 2016 में सलमान खान को राहत देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया है। फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इस बात की पुष्टि करने में नाकाम रहा कि सलमान ने शराब पी थी और हादसे के वक्त वे ही गाड़ी चला रहे थे। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा सबूतों के आधार पर सलमान को सजा संभव नहीं है।
सलमान खान की याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एआर जोशी ने घटना के चश्मदीद और घटना के वक्त सलमान के सरकारी बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल के बयान पर भी सवाल खड़े किए जिसके आधार पर सेशंस कोर्ट ने सलमान को सजा सुनाई थी। जस्टिस जोशी ने रवींद्र पाटिल के बयान को पूरी तरह से अविश्वसनीय करार दिया साथ ही सलमान के ड्राइवर अशोक सिंह को 12 साल बाद कोर्ट में गवाही के लिए पेश किए जाने को भी हाईकोर्ट ने सही ठहराया।
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